आंध्र प्रदेश के तटीय संसाधनों के संरक्षण हेतु यूएनएफसीसीसी एवं एमएसएसआरएफ मिलकर काम करने पर सहमत-(28-AUG-2015) C.A

| Friday, August 28, 2015
जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन (यूएनएफसीसीसी) एवं चेन्नई आधारित एम. एस. स्वामीनाथन रिसर्च फाउंडेशन (एमएसएसआरएफ) अगस्त 2015 के तीसरे सप्ताह में आंध्र प्रदेश के तटीय संसाधनों के संरक्षण हेतु मिलकर काम करने के लिए सहमत हुए.

यूएनएफसीसीसी ने अनुकूलन कोष द्वारा कृष्णा जिले में एमएसएसआरएफ रणनीति के तहत 3.8 करोड़ रुपये को मंजूरी प्रदान की है.

अनुकूलन का उद्देश्य चक्रवात के बाद समुद्र का स्तर बढ़ने एवं समुद्री तूफानों के परिणामों पर काबू पाना है.

परियोजना का लक्ष्य

सोर्लान्गोंदी सदाबहार जंगल के पुनरोद्धार को कृष्णा जिले में शामिल किया गया है.

200 एकड़ में फैले विशाल जंगल के लिए एक रोडमैप तैयार किया गया है जबकि इसी वन क्षेत्र के 50 एकड़ क्षेत्र में मछली उत्पादन भी किये जाने पर ख़ाका तैयार किया गया है. यह योजना अगस्त 2015 के अंत तक लागू कर दी जाएगी.

खाली पड़ी भूमि को मछली उत्पादन के लिए उपयोग किया जायेगा जबकि भूमिहीन परिवारों को इन उत्पादन कार्यों में शामिल किया जायेगा, इनमें कोदुरु मंडल में स्थित बसवानिपलेम तथा नगायालंका मंडल में शामिल सोर्लान्गोंदी एवं नाली गांवों को शामिल किया जायेगा.

इससे खारे पाने में पिंजरों में किये जाने वाले मछली उत्पादन को प्रोत्साहन दिया जायेगा. इसके अंतर्गत स्वामीनाथन रिसर्च फाउंडेशन द्वारा तीन गांवों में 10 पिंजरे लगाये जायेंगे.

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