युनाइटेड नेशनल पार्टी (यूएनपी) के नेतृत्व वाले युनाइटेड नेशनल फ्रंट फार गुड गवर्नेंस (यूएएफजीजी) गठबंधन ने 18 अगस्त 2015 को 106 सीटें प्राप्त कर श्रीलंका के संसदीय चुनाव में जीत दर्ज की. लेकिन यूएनपी 225 सदस्यीय संसद में पूर्ण बहुमत हासिल करने में असफल रही.
संसदीय चुनाव की अंतिम सूची 17 अगस्त 2015 को श्रीलंका के निर्वाचन विभाग द्वारा घोषित की गई. श्रीलंका की 15वीं संसद के लिए 225 सदस्यों का चुनाव संसदीय चुनावों के निर्धारित समय से दस महीने पहले आयोजित किए गए.
रानिल विक्रमसिंघे के नेतृत्व वाले युनाइटेड नेशनल फ्रंट फार गुड गवर्नेंस गठबंधन ने कुल मतदान का 45 प्रतिशत (लगभग 51 लाख वोट) प्राप्त किए. महिंदा राजपक्षे के नेतृत्व वाले मुख्य विपक्षी पार्टी यूनाइटेड पीपुल्स फ्रीडम गठबंधन (UPFA) ने 95 सीटें प्राप्त की. यूपीएफए ने संसदीय चुनावों में लगभग 42 प्रतिशत वोट प्राप्त किए.
तमिलों की मुख्य पार्टी, तमिल नेशनल अलायंस (टीएन) ने जाफना में 16 सीटें और मार्क्सीवादी दल जनता विमुक्ति पेरामुना ने 4 सीटें प्राप्त की. इसके अलावा श्रीलंका मुस्लिम कांग्रेस और ईलम पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी ने एक-एक सीट हासिल की.
तमिलों की मुख्य पार्टी, तमिल नेशनल अलायंस (टीएन) ने जाफना में 16 सीटें और मार्क्सीवादी दल जनता विमुक्ति पेरामुना ने 4 सीटें प्राप्त की. इसके अलावा श्रीलंका मुस्लिम कांग्रेस और ईलम पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी ने एक-एक सीट हासिल की.
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