महाराष्ट्र सरकार ने 11 अगस्त 2015 को सूखे के संकट से निपटने हेतु मंत्रिमंडलीय उप-पैनल गठित किया. इस समिति की अध्यक्षता कृषि मंत्री एकनाथ खडसे करेंगे.
इस समिति के अन्य सदस्यों में जल आपूर्ति मंत्री बबनराव लोनिकर, ग्रामीण विकास मंत्री पंकजा मुंडे तथा वित्त मंत्री सुधीर मुन्गंतिवर शामिल होंगे.
वर्तमान समय में महाराष्ट्र के बीद, ओस्मानाबाद तथा लातूर जिले सूखे से सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्र हैं. सूखे की इस स्थिति से निपटने के लिए सरकार ने उजानी बांध से मराठवाड़ा के लातूर तक रेल की बोगियों द्वारा पानी पहुँचाने की योजना बनाई है.
ईजीएस तथा जलयुक्त शिविर के तहत अन्य राज्यों से चारा भी ख़रीदा जायेगा तथा इन क्षेत्रों में रोज़गार के अवसर भी उपलब्ध कराये जायेंगे.
इसके अतिरिक्त, सरकार ने नदियों की गहराई बढ़ाने का भी निर्णय लिया है ताकि बरसात में जल संचयन किया जा सके. मराठवाड़ा की सभी छोटी नदियों से अगले पांच वर्ष में गाद निकाली जाएगी.
इस समिति के अन्य सदस्यों में जल आपूर्ति मंत्री बबनराव लोनिकर, ग्रामीण विकास मंत्री पंकजा मुंडे तथा वित्त मंत्री सुधीर मुन्गंतिवर शामिल होंगे.
वर्तमान समय में महाराष्ट्र के बीद, ओस्मानाबाद तथा लातूर जिले सूखे से सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्र हैं. सूखे की इस स्थिति से निपटने के लिए सरकार ने उजानी बांध से मराठवाड़ा के लातूर तक रेल की बोगियों द्वारा पानी पहुँचाने की योजना बनाई है.
ईजीएस तथा जलयुक्त शिविर के तहत अन्य राज्यों से चारा भी ख़रीदा जायेगा तथा इन क्षेत्रों में रोज़गार के अवसर भी उपलब्ध कराये जायेंगे.
इसके अतिरिक्त, सरकार ने नदियों की गहराई बढ़ाने का भी निर्णय लिया है ताकि बरसात में जल संचयन किया जा सके. मराठवाड़ा की सभी छोटी नदियों से अगले पांच वर्ष में गाद निकाली जाएगी.
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, मराठवाड़ा क्षेत्र जल स्तर से सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र है जिनमें बीद, लातूर एवं ओस्मानाबाद शामिल हैं यहां जलस्तर 600 फीट से भी नीचे जा चुका है.
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