केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों की मंत्री डॉ. नजमा हेपतुल्ला ने नई केंद्रीय क्षेत्र योजना ‘नई मंजिल’ का पटना में 8 अगस्त 2015 को शुभारंभ किया. देश में अल्पसंख्यक समुदायों की प्रगति और सशक्तिकरण के संबंध में समग्र दृष्टिकोण एवं अल्पसंख्यकों के कल्याण में सुधार लाने के लिए यह योजना प्रारंभ की गई. वित्त वर्ष 2015-16 के बजट भाषण में इसकी घोषणा केंद्रीय वित्त मंत्री द्वारा की गई थी.
नई मंजिल योजना सामान्य रूप से अल्पसंख्यक समुदायों, विशेष रूप से मुसलमानों की शैक्षिक और जीविकोपार्जन की जरूरतों में सहायता प्रदान करेगी, क्योंकि मुसलमान शैक्षिक योग्यताओं में अन्य अल्पसंख्यक समुदायों से पीछे हैं. यह योजना स्कूल से बाहर आए या बीच में ही पढ़ाई छोड़ चुके सभी छात्रों और मदरसों में पढ़ने वाले छात्रों के लिए एक नई दिशा और एक नया लक्ष्य प्रदान करती है. ऐसा इसलिए है कि ऐसे छात्रों को कक्षा 12 और कक्षा 10 के औपचारिक प्रमाणपत्र नहीं मिलते हैं, जिसके कारण वे बहुतायत से संगठित क्षेत्रों में बेरोजगार रहते हैं. नई मंजिल योजना का उद्देश्य इसी लक्षित समूह पर है क्योंकि शिक्षा के साथ-साथ कौशल विकास उपलब्ध कराने के रूप में यह एकीकृत भागीदारी है.
इसके साथ ही इस योजना का उद्देश्य प्रशिक्षुकों को ब्रिज पाठ्यक्रमों के द्वारा शैक्षिक भागीदारी उपलब्ध कराना है ताकि उन्हें दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से 12वीं और 10वीं कक्षा के प्रमाणपत्र उपलब्ध हो सकें. इसी के साथ-साथ उन्हें 4 पाठयक्रमों में ट्रेड आधार पर कौशल प्रशिक्षण भी उपलब्ध कराना है. जो इस प्रकार हैं-1.विनिर्माण 2. इंजीनियरिंग 3. सेवाएं 4.सरल कौशल. इस योजना में सभी अल्पसंख्य्क समुदायों के 17 से 35 वर्ष के आयु समूहों के लोगों के साथ-साथ मदरसों में पढ़ने वाले छात्रों को शामिल किया जाएगा. यह योजना सतत उच्च शिक्षा के अवसर प्रदान करेगी और संगठित क्षेत्र में रोजगार के अवसर भी उपलब्ध कराएगी.
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