भारतीय समाज जैवविज्ञानी (सोशियोबायलॉजिस्ट) राघवेंद्र गडगकर को 7 अगस्त 2015 को जर्मनी के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘द क्रॉस ऑफ ऑर्डर ऑफ़ द मेरिट’ से बेगलुरु स्थित जर्मन वाणिज्य दूतावास में सम्मानित किया गया.
उन्हें व्यवहार पारिस्थितिकी (बिहेवियरल इकॉलजी) और सोशियोबायॉलजी के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए यह पुरस्कार दिया गया है. उन्होंने भारत और जर्मनी के बीच रिसर्च कॉरपोरेशन को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.
बेंगलुरु निवासी राघवेंद्र इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ साइंस स्थित सेंटर फॉर इकलॉजिकल साइंस में प्रफेसर के रूप में कार्यरत हैं. प्रफेसर राघवेंद्र इन्सेक्ट सोशियोबायॉलजी के क्षेत्र में भी प्रमुख विशेषज्ञ हैं. वे इंडियन नेशनल साइंस अकेडमी के अध्यक्ष हैं तथा उनके अब तक 270 से अधिक शोध पत्र तथा दो पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं.
उनकी पहली पुस्तक, सर्वाइवल स्ट्रेटेजीज़ (अस्तित्व की रणनीतियां), चीनी तथा कोरियाई भाषा में अनुवादित की जा चुकी हैं. वे वर्ष 2004 में आईआईएससी में स्थापित समकालीन अध्ययन केंद्र के संस्थापक अध्यक्ष भी रह चुके हैं.
उन्हें व्यवहार पारिस्थितिकी (बिहेवियरल इकॉलजी) और सोशियोबायॉलजी के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए यह पुरस्कार दिया गया है. उन्होंने भारत और जर्मनी के बीच रिसर्च कॉरपोरेशन को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.
बेंगलुरु निवासी राघवेंद्र इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ साइंस स्थित सेंटर फॉर इकलॉजिकल साइंस में प्रफेसर के रूप में कार्यरत हैं. प्रफेसर राघवेंद्र इन्सेक्ट सोशियोबायॉलजी के क्षेत्र में भी प्रमुख विशेषज्ञ हैं. वे इंडियन नेशनल साइंस अकेडमी के अध्यक्ष हैं तथा उनके अब तक 270 से अधिक शोध पत्र तथा दो पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं.
उनकी पहली पुस्तक, सर्वाइवल स्ट्रेटेजीज़ (अस्तित्व की रणनीतियां), चीनी तथा कोरियाई भाषा में अनुवादित की जा चुकी हैं. वे वर्ष 2004 में आईआईएससी में स्थापित समकालीन अध्ययन केंद्र के संस्थापक अध्यक्ष भी रह चुके हैं.
क्रॉस ऑफ ऑर्डर ऑफ़ द मेरिट
इसे जर्मनी के संघीय गणराज्य के राष्ट्रपति थियोडोर हियूज़ द्वारा वर्ष 1951 में स्थापित किया गया था.
यह पुरस्कार राजनीतिक, आर्थिक, सांस्कृतिक, बौद्धिक तथा स्वयं सेवा क्षेत्र में उत्कृष्ट उपलब्धियां हासिल करने के लिए जर्मनी के संघीय गणराज्य के राष्ट्रपति द्वारा प्रदान किया जाता है.
ऑर्डर ऑफ मेरिट जर्मन नागरिकों के अतिरिक्त विदेशियों को भी दिया जा सकता है. इसके साथ कोई आर्थिक पुरस्कार नहीं दिया जाता.
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