पंजाब सरकार ने घड़ियालों (Gavialis gangeticus) के निवास स्थान के रूप में हरिके पत्तन के पास 28 जुलाई 2015 को ब्यास बेल्ट के निर्माण की घोषणा की. इस प्रयोजन के लिए 15 घड़ियालों को प्रारंभिक चरण में फरवरी-मार्च 2016 में ब्यास बेल्ट में छोड़ा जाएगा.
घड़ियालों को वर्ल्ड वाइड फंड फॉर नेचर (डब्ल्यूडब्ल्यूएफएन) और एक एनजीओ के सहयोग से करमोवाल गांव के निकट छोड़ने की योजना बनाई जा रही है. करमोवाल गांव के निकट पानी के साथ सैंड बैंक भी मौजूद हैं. इसलिए इस क्षेत्र को घड़ियालों की प्रजातियों के निवास स्थान के रूप में विकसित किया जा रहा है.
हरिके पतन के जल निकाय में 15 डॉल्फिन, जंगली सूअर, बिल्ली और मछली की विभिन्न प्रजातियां निवास करती हैं. हरिके पत्तन को घड़ियालों के निवास स्थान के रूप में विकसित करने से इस क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ाने में मदद मिलेगी.
घड़ियाल (Gavialis gangeticus)
• घड़ियाल को गैवियल भी कहा जाता है ओर यह गैवियेलिडी परिवार का अंतिम जीवित प्रजाति है.
• घड़ियाल मछलीखोर जंतु है और यह भारतीय उपमहाद्वीप में पाया जाता है.
• अंतरराष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ ने घड़ियाल को संकटग्रस्त प्रजातियों की श्रेणी में रखा है.
• पिछले 60 वर्षों में घड़ियालों की संख्या में भारी गिरावट दर्ज की गई. मछुआरों द्वारा खाल की तस्करी के लिए घड़ियालों का शिकार, उपभोग के लिए अंडो का संग्रह, स्वदेशी चिकित्सा के लिए मारा जाना ये सभी घड़ियालों की संख्या में कमी के कारण हैं.
• भारत सरकार ने घड़ियालों को पूर्ण सुरक्षा प्रदान करने हेतु इन्हें वन्य जीवन संरक्षण अधिनियम, 1972 की अनूसुची-1 में शामिल किया.
• घड़ियाल को गैवियल भी कहा जाता है ओर यह गैवियेलिडी परिवार का अंतिम जीवित प्रजाति है.
• घड़ियाल मछलीखोर जंतु है और यह भारतीय उपमहाद्वीप में पाया जाता है.
• अंतरराष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ ने घड़ियाल को संकटग्रस्त प्रजातियों की श्रेणी में रखा है.
• पिछले 60 वर्षों में घड़ियालों की संख्या में भारी गिरावट दर्ज की गई. मछुआरों द्वारा खाल की तस्करी के लिए घड़ियालों का शिकार, उपभोग के लिए अंडो का संग्रह, स्वदेशी चिकित्सा के लिए मारा जाना ये सभी घड़ियालों की संख्या में कमी के कारण हैं.
• भारत सरकार ने घड़ियालों को पूर्ण सुरक्षा प्रदान करने हेतु इन्हें वन्य जीवन संरक्षण अधिनियम, 1972 की अनूसुची-1 में शामिल किया.
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