म्यांमार सरकार और 16 नृजातीय विद्रोही गुटों ने युद्ध विराम समझौते पर हस्ताक्षर किए-(01-APR-2015) C.A

| Wednesday, April 1, 2015

म्यांमार सरकार और 16 नृजातीय विद्रोही गुटों ने युद्ध विराम समझौते पर हस्ताक्षर किए
म्यांमार सरकार और 16 नृजातीय विद्रोही गुटों ने 31 मार्च 2015 को राष्ट्रव्यापी युद्ध विराम समझौते पर हस्ताक्षर किए. यह समझौता पिछले 65 वर्षों से चले आ रहे नागरिक अशांति और सैन्य संघर्ष को समाप्त करने के उद्देश्य से हस्ताक्षरित किया गया है.
यह समझौता यूनियन पीस वर्किंग कमेटी और द नेशनवाइड सीज़फायर कोओरडीनेशन टीम के मध्य हुआ. समझौते के दौरान म्यांमार के राष्ट्रपति यू थीन सीन भी मौजूद थे.
यह समझौता 2013 से हो चुकी सात वार्ताओं के बाद हस्ताक्षरित किया गया. समझौते में चार विवादित मुद्दों को हल करने पर सहमती हुई.
इनमे शामिल किया गया है -
सैन्य सेवाओं में भर्ती को विराम दिया जाएगा 
सशस्त्र विद्रोही गुटों के क्षेत्र और स्थिति की पुष्टि की जाएगी
राजनीतिक संवाद की प्रकृति और संरचना को स्पष्ट किया जाएगा
परन्तु समझौते पर अंतिम मंजूरी देने से पहले विद्रोही गुट अपने शीर्ष नेताओं से वार्ता करेंगे.
समझौते में कोकांग में सबसे अधिक सक्रीय विद्रोही गुट ने भाग नहीं लिया.
समझौते के तहत विद्रोही गुटों को एक ऐसी प्रक्रिया में शामिल किया जाएगा जिसके तहत सत्ता और संसाधनों का हस्तांतरण स्थानीय प्रशासन को कर दिया जाएगा. इस समझौते का विरोध 1948  में म्यांमार सरकार द्वारा किया गया था.

टिप्पणी
समझौते पर हस्ताक्षर करने के इस कदम की संयुक्त राष्ट्र ने सराहना की है और इसे एक "ऐतिहासिक और महत्वपूर्ण उपलब्धि" बताया  है. 
यह कदम म्यांमार की अर्द्ध असैनिक सरकार के लिए एक बड़ी उपलब्धि है यह समझौता विद्रोही गुटों के के द्वारा की जा रही युद्ध गतिविधियों को समाप्त करेगा.
म्यांमार यूनाइटेड किंगडम से 1948 में स्वतंत्र हुआ और यहाँ स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद से सशस्त्र आंतरिक संघर्ष चल रहा है.
म्यांमार का यह नागरिक संघर्ष विश्व के सबसे लम्बे समय तक चलने वाले संघर्षों में से एक है.

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