रूस की कंपनी रोसटेक स्टेट कॉरपोरेशन ने कम से कम 200 कामोव 226टी हल्के हेलीकाप्टर बनाने के लिए हिंदुस्तान एयरोनाटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के साथ 29 दिसंबर 2015 को समझौता किया.
ये हेलीकाप्टर पुराने हो रहे चीता व चेतक हेलीकाप्टर की जगह लेंगे.
सरकार की महत्वाकांक्षी 'मेक इन इंडिया' पहल के तहत यह सौदा अनुमानित 1 अरब डालर मूल्य का है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दिसंबर 2015 में मॉस्को यात्रा के दौरान दोनों देशों ने हेलीकॉप्टर विनिर्माण के क्षेत्र में सहयोग के लिए समझौता किया. इस समझौते पर मोदी व रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए गए.
इस समझौते के अनुसार रोसटेक भारत में रूसी केए-226टी हेलीकॉप्टर बनाएगी. इनकी संख्या 200 से कम नहीं होगी. समझौते में हेलीकॉप्टरों का रखरखाव, परिचालन व मरम्मत शामिल है.
कामोव 226टी हेलिकॉप्टंर
• कामोव केए-226T एक लाइट वेट मल्टीरपरपज हेलिकॉप्टर है, जिसका कामोव कंपनी द्वारा निर्माण किया जाता है. हेलिकॉप्टर केए-226T में आधुनिक नेविगेशन उपकरण लगे हुए हैं.
• इसके चलते इस हेलिकॉप्र का इस्तेमाल शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में आसानी से किया जा सकता है.
• हेलिकॉप्टर का पिछला हिस्सा और आकार छोटा होने से इसे छोटे हवाई अड्डों पर भी लैंड या टेक ऑफ की अनुमति मिल जाती है.
• हेलिकॉप्टर बहुत ही कम ध्वनि प्रदूषण करता है और नवीनतम आधुनिक पर्यावरण आवश्यकताओं को पूरा करता है.
• इस हेलिकॉप्टर में रीप्लेजकेबल ट्रांसपोर्ट मॉड्यूल लगा हुआ है जिससे कम समय में यह अपनी कार्यक्षमता बदलने में सक्षम है.
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