केंद्र सरकार ने 1 जनवरी 2016 को घोषणा की कि 1 अप्रैल 2016 से एलपीजी की तर्ज पर मिट्टी के तेल पर डीबीटी योजना लागू की जाएगी.
प्रारंभिक चरण में इस योजना के आठ राज्यों के चयनित 26 जिलों में लागू किया जाएगा ये राज्य हैं छत्तीसगढ़, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, पंजाब और राजस्थान.
इस योजना के तहत लोगों को बाजार दर पर मिट्टी का तेल खरीदना होगा, लेकिन उन्हें उनके बैंक खातों में सीधे सब्सिडी मिल जाएगी.
उपभोगता को दिया जाने वाला भुगतान सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) की कीमत और मिट्टी के तेल की बाजार दर मौजूदा अंतर के बराबर होगा.
मंत्रालय ने बताया कि वर्तमान में सरकार की तरफ से सब्सिडी पर दिये जाने वाले मिट्टी के तेल की मात्रा इसकी घरेलू मांग से ज्यादा है जिससे पता चलता है कि सब्सिडी का दुरुपयोग हो रहा है.
वित्त वर्ष 2015-16 में राज्यों को सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के तहत 86.85 लाख किलोलीटर मिट्टी का तेल आवंटित किया गया, जबकि 2011-12 के नेशनल सेम्पल सर्वे के अनुसार घरेलू उपयोग के लिए मिट्टी के तेल की मांग 71.30 लाख किलोलीटर थी.
इन चार वर्षों में बिजली और रसोई गैस कनेक्शनों की संख्या में बढ़ोतरी के कारण मिट्टी के तेल की मांग कम होने के बावजूद आवंटन मांग से ज्यादा है.
इन चार वर्षों में बिजली और रसोई गैस कनेक्शनों की संख्या में बढ़ोतरी के कारण मिट्टी के तेल की मांग कम होने के बावजूद आवंटन मांग से ज्यादा है.
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