भारत के वरिष्ठ हॉकी खिलाड़ी गुरबाज सिंह को 10 अगस्त 2015 को 9 महीने के लिए निलंबित कर दिया गया उन पर टीम में गुटबाजी में शामिल रहने का आरोप है.
इस निलंबन से गुरबाज 9 मई 2016 तक नहीं खेल पाएंगे. इससे उनके वर्ष 2016 में रियो ओलंपिक में खेलने का सपना टूट सकता है.
हरबिंदर सिंह की अगुआई वाली हॉकी इंडिया की अनुशासन समिति ने मिडफील्डर और पूर्व भारतीय कोच ज्यूड फेलिक्स के साथ बैठक के बाद गुरबाज को निलंबित करने का फैसला किया. फेलिक्स ने जुलाई 2015 में बेल्जियम के एंटवर्प में हॉकी विश्व लीग सेमीफाइनल्स के बाद अपनी रिपोर्ट में गुरबाज पर आरोप लगाए थे.
इस निलंबन से गुरबाज 9 मई 2016 तक नहीं खेल पाएंगे. इससे उनके वर्ष 2016 में रियो ओलंपिक में खेलने का सपना टूट सकता है.
हरबिंदर सिंह की अगुआई वाली हॉकी इंडिया की अनुशासन समिति ने मिडफील्डर और पूर्व भारतीय कोच ज्यूड फेलिक्स के साथ बैठक के बाद गुरबाज को निलंबित करने का फैसला किया. फेलिक्स ने जुलाई 2015 में बेल्जियम के एंटवर्प में हॉकी विश्व लीग सेमीफाइनल्स के बाद अपनी रिपोर्ट में गुरबाज पर आरोप लगाए थे.
हरबिंदर के अतिरिक्त, हॉकी इंडिया की अनुशासन समिति ने आर पी सिंह, ए बी सुब्बैया तथा जसजीत हांडा को भी आरोपों के घेरे में शामिल किया.
गुरबाज एक महीने के भीतर हॉकी इंडिया के अपीलीय न्यायाधिकरण में अपील दायर कर सकते हैं.
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