प्रसिद्ध उर्दू साहित्यकार शमीम हनफी को 13 अगस्त 2015 को भारतीय ज्ञानपीठ द्वारा वर्ष 2015 से आरम्भ पहले ज्ञानगरिमा मानद अलंकरण पुरस्कार के लिए चयनित किया गया. यह पुरस्कार ज्ञानपीठ के सात दशक पूरे होने पर शुरू किया गया है.
हिन्दी लेखक विश्वनाथ त्रिपाठी की अध्यक्षता में ज्यूरी सदस्यों की बैठक में हनफी को इस पुरस्कार के लिए चुना गया. बोर्ड के अन्य सदस्यों में कवि केदारनाथ सिंह और लेखक मधुसूदन आनंद शामिल थे. ज्ञानगरिमा मानद अलंकरण पुरस्कार में एक साल तक मासिक मानदेय दिया जाता है.
हिन्दी लेखक विश्वनाथ त्रिपाठी की अध्यक्षता में ज्यूरी सदस्यों की बैठक में हनफी को इस पुरस्कार के लिए चुना गया. बोर्ड के अन्य सदस्यों में कवि केदारनाथ सिंह और लेखक मधुसूदन आनंद शामिल थे. ज्ञानगरिमा मानद अलंकरण पुरस्कार में एक साल तक मासिक मानदेय दिया जाता है.
ज्यूरी सदस्यों और भारतीय ज्ञानपीठ परिवार के सदस्य एक अनौपचारिक समारोह में हनफी को उनके आवास पर इस साल के पुरस्कार से सम्मानित करेंगे.
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