केंद्रीय मंत्रिमंडल ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी कानून (मनरेगा) के तहत काम में लगे श्रमिकों को मजदूरी सीधे उनके खातों में जारी करने को मंजूरी 5 अगस्त 2015 को प्रदान की. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल ने नई दिल्ली में मनरेगा की इस योजना को मंजूरी दी.
इस योजना के तहत मनरेगा की मजदूरी राज्य रोजगार गारंटी कोष विंडो का इस्तेमाल करते हुए सीधे मजदूरों के खातों में जारी की जाएगी. यह राशि ग्रामीण विकास मंत्रालय की ओर से निर्धारित प्रक्रियाओं के अनुरूप राज्य क्रियान्वयन एजेंसियों की ओर से जारी किये जान वाले निधि हस्तांतरण आदेश के आधार पर जारी की जाएगी.
इस कदम का उद्देश्य निधि प्रवाह प्रणाली को और व्यवस्थित करना है और राज्य सरकारों या जमीनी स्तर की क्रियान्वयन एजेंसियों को इसके लिए सशक्त बनाना है कि वे कानून के उद्देश्यों के अनुरूप हितग्राही को इसे वितरित करें.
प्रस्तावित प्रणाली से सभी हितधारकों को लाभ होगा और समग्र क्रियान्वयन दक्षता में सुधार होगा और मजदूर इसे लेकर आश्वस्त होंगे कि भुगतान आदेश जारी होने के दूसरे दिन उनके खाते में धनराशि आ जाएगी. इस योजना से धनराशि के हस्तांतरण में अधिक पारदर्शिता और मनरेगा में काफी हद तक भ्रष्टाचार रोकना सुनिश्चित होगा.
ग्राम पंचायतों को भी मंजूर श्रम बजट के अनुसार कार्य करने के लिए सशक्त किया जाएगा. इसके साथ ही केंद्र सरकार को यह लाभ होगा कि वह वही राशि जारी करेगी जो कि खर्च करने योग्य है. इससे राज्य सरकारें क्रियान्वन के लिए धनराशि के प्रबंधन की चिंता किये बिना योजना बनाने और प्रक्रिया दक्षता में अधिक समय दे सकेंगी.
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