केंद्र सरकार ने 40 वर्ष पुरानी उत्तर कोयल सिंचाई परियोजना को पुनर्जीवित करेगी-(12-APR-2017) C.A

| Wednesday, April 12, 2017
केंद्र सरकार ने 40 वर्ष पहले सोची गई उत्तर कोयल सिंचाई परियोजना को फिर से शुरु करने का फैसला किया है. परियोजना का उद्देश्य बिहार और झारखंड में पानी की जरूरतों को पूरा करना है.
फैसले की घोषणा केंद्रीय जल संसाधन मंत्री उमा भारती द्वारा प्रबंधन सूचना प्रणाली (एमआईएस) के शुभारंभ के अवसर पर की गई. यह प्रणाली प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (पीएमकेवाईएस) के तहत चलाई जाने वाली परियोजनाओं की निगरानी करेगी.
 Water Shortage
केंद्रीय मंत्री के अनुसार, पूरा होने के बाद परियोजना द्वारा दोनों राज्यों की करीब 1 लाख हेक्टेयर भूमि के सिंचाई किए जाने की संभावना है. इस परियोजना की अनुमानित लागत करीब 1600 करोड़ रु. है.
मंत्री ने कहा कि सिंचाई के मामले में झारखंड सबसे पिछड़ा हुआ राज्य है और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राज्य की आम जनता की गरीबी और पिछड़नेपन को दूर करने के लिए इस परियोजना के पुनरुद्धार की शुरुआत की है.
झारखंड परियोजना के प्रमुख आयुक्तों में से एक के. वोहरा के अनुसार, कुल लागत में से, केंद्र करीब 1000 करोड़ रु. मुहैया कराएगी.
इसके अलावा, केंद्रीय मंत्रालय ने महाराष्ट्र में मराठवाड़ा, उत्तर प्रदेश में बुंदेलखंड और ओडीशा में कालाहांडी– बालंगीर– कोरापुट समेत कई अन्य स्थानों की पहचान की है, जहां पानी की समस्या को दूर करने के लिए छोटी सिंचाई योजनाओं को शुरु किया जाएगा.
मंत्रालय ने हाल ही में 15 राज्यों के अधिकारियों के साथ गंभीर जल समस्या से निपटने के मुद्दे पर एक बैठक की थी. केंद्रीय मंत्री भारती ने केंद्रीय भूजल बोर्ड को जम्मू और कश्मीर एवं उत्तर– पूर्वी राज्यों के बीच विलुप्त हो चुके झरनों की पहचान करने और उन्हें फिर से पुनर्जीवित करने हेतु परियोजनाएं चलाने को कहा है.

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