राज्य सरकार के अनुसार 11376 सब इंस्पेक्टर की भर्ती जनवरी 2018 से शुरू की जाएगी और जनवरी 2023 तक प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी. प्रतिवर्ष 3200 सब इन्स्पेक्टर की भर्ती राज्य में की जाएगी.
101619 सिपाहियों की भर्ती अगस्त 2017 से शुरू आरम्भ की जाएगी जिसे सितंबर 2021 तक पूरा किया जाना है. यानि हर साल 30 हज़ार सिपाहियों की भर्ती की जाएगी.
सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को निर्देशित किया है कि वह तय हलफ़नामे के अनुसार ही भर्ती करे. यदि ऐसा नहीं किया गया तो प्रिंसिपल सेक्रेटरी होम निजी तौर पर जिम्मेदार होंगे. प्रतिवर्ष भर्ती शुरू होने से और परिणाम घोषित होने तक पुलिस भर्ती बोर्ड का चेयरमैन भी नहीं बदला जायेगा.
सुप्रीम कोर्ट ने पुलिसकर्मियों की भर्तियों के मामले में सुनवाई की और यह आदेश किया. सुप्रीम कोर्ट ने 6 राज्य यूपी, बिहार, झारखंड, कर्नाटक, तमिलनाडू और पश्चिम बंगाल के बड़े अफसरों को रोडमैप के साथ सुप्रीम कोर्ट ने तलब किया.
मुख्य न्यायाधीश खेहर के अनुसार यह मामला 2013 से लंबित है लेकिन इन राज्यों में इस मामले में कोई कार्यवाही नहीं की गयी. अब न्यायलय इस मामले पर निगरानी करेगा और भर्तियों पर नजर रखेगा. मुख्य न्यायाधीश खेहर के अनुसार कानून व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए पुलिस के सभी पदों पर नियुक्तियां जरूरी हैं.
सरकारी आंकड़ो के अनुसार यूपी में 151679, बिहार में 34000, झारखंड में 26303, कर्नाटक में 24399, तमिलनाडू में 19803, बंगाल में 37325 पुलिस कर्मियों की रिक्तियां हैं. देश में पुलिसकर्मियो की भर्ती मामले में पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों के रवैए पर नाराजगी भी व्यक्त की थी.
मुख्य न्यायाधीश खेहर ने इस मामले में सभी राज्यों के होम सेकेट्री से तीन हफ्ते के भीतर हलफनामा दाखिल करने और पुलिस कर्मियों की नियुक्ति के लिए सरकारी प्रक्रिया की जानकारी देने को कहा. न्यायलय ने चेतावनी दी कि जो राज्य हलफनामा दाखिल नहीं करेंगे उनके होम सेकेट्री कोर्ट में तलब किए जाएगे.
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इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गयी थी, याचिका के अनुसार कोर्ट देश भर की पुलिस के लिए कल्याणकारी योजनाओं के लिए दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई कर रहा है. सभी सरकारी विभागों के लिए कमिशन बनाए गए हैं और सुविधाएं दी जा रही हैं लेकिन पुलिस को लेकर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा.
वर्ष 2015 के रिकॉर्ड अनुसार देश में 4 लाख 33 हजार पुलिसकर्मियों की कमी है. देश में करीब 50 फीसदी पुलिसकर्मियों की कमी है और पुलिसवालों के लिए आवास और अन्य सुविधाएं भी नहीं हैं. इसकी वजह से कानून व्यवस्था को बनाए रखने में समस्या खडी हो रही है
सरकारी आंकड़ो के अनुसार यूपी में 151679, बिहार में 34000, झारखंड में 26303, कर्नाटक में 24399, तमिलनाडू में 19803, बंगाल में 37325 पुलिस कर्मियों की रिक्तियां हैं. देश में पुलिसकर्मियो की भर्ती मामले में पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों के रवैए पर नाराजगी भी व्यक्त की थी.
मुख्य न्यायाधीश खेहर ने इस मामले में सभी राज्यों के होम सेकेट्री से तीन हफ्ते के भीतर हलफनामा दाखिल करने और पुलिस कर्मियों की नियुक्ति के लिए सरकारी प्रक्रिया की जानकारी देने को कहा. न्यायलय ने चेतावनी दी कि जो राज्य हलफनामा दाखिल नहीं करेंगे उनके होम सेकेट्री कोर्ट में तलब किए जाएगे.
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इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गयी थी, याचिका के अनुसार कोर्ट देश भर की पुलिस के लिए कल्याणकारी योजनाओं के लिए दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई कर रहा है. सभी सरकारी विभागों के लिए कमिशन बनाए गए हैं और सुविधाएं दी जा रही हैं लेकिन पुलिस को लेकर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा.
वर्ष 2015 के रिकॉर्ड अनुसार देश में 4 लाख 33 हजार पुलिसकर्मियों की कमी है. देश में करीब 50 फीसदी पुलिसकर्मियों की कमी है और पुलिसवालों के लिए आवास और अन्य सुविधाएं भी नहीं हैं. इसकी वजह से कानून व्यवस्था को बनाए रखने में समस्या खडी हो रही है
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