केंद्रीय मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय लघु बचत कोष में निवेश से राज्यों को बाहर रखने को मंजूरी दी-(23-JAN-2017) C.A

| Monday, January 23, 2017
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की उपस्थिति में दिल्ली, केरल, अरुणाचल प्रदेश और मध्य प्रदेश को छोड़कर अन्य सभी राज्य सरकारों राज्यों या केंद्र शासित प्रदेशों को 01 अप्रैल 2016 से राष्ट्रीय लघु बचत कोष में निवेश से बाहर करने की मजूरी दी है.
केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय लघु बचत कोष एनएसएसएफ से एफसीआई को इसकी खाद्य सब्सिडी की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए 45,000 करोड़ रुपए के ऋण को भी मंजूरी दी.
अरुणाचल प्रदेश अपने क्षेत्र के अन्दर के एनएसएसएफ संग्रह में से 100% ऋण प्राप्त कर सकेगा तथा वहीं केरल, दिल्ली एवं मध्य प्रदेश को संग्रह का 50% प्रदान किया जाएगा.
केंद्र सरकार ने दिल्ली, केरल, अरूणाचल प्रदेश, और मध्य प्रदेश को छोड़कर सभी राज्यों को एक अप्रैल 2016 से एनएसएसएफ में निवेश से छूट दी है. इससे राज्यों को बाजार से सस्ता धन जुटाने में मदद मिलेगी.
खाद्य, एफसीआई और सार्वजनिक वितरण विभाग एवं वित्त मंत्रालय के बीच एनएसएसएफ की ओर से कानूनी रूप से बाध्यकारी समझौते पर हस्ताक्षर किए जाएंगे जोकि ब्याज दर की अदायगी के लिए तौर तरीकों पर और मूलधन और भारतीय खाद्य निगम के कर्ज के पुनर्गठन को 2 से 5 साल के भीतर संभव करने के प्रयास पर केंद्रित होंगे.
सरकार को एनएसएसएफ ऋण की अधिक उपलब्धता सरकारों की बाजार उधारी कम कर सकते हैं. हालांकि की राज्यों को बाजार उधारी में वृद्धि देखने को मिलेगी.
चौदहवें वित्त आयोग ने सिफारिश की है कि राज्य सरकारों को राष्ट्रीय लघु बचत कोष के निवेश के संचालन से बाहर रखा जा सकता है. राष्ट्रीय लघु बचत कोष  ऋण राज्य सरकार के लिए एक अतिरिक्त कीमत आते हैं क्योंकि बाजार मूल्य अपेक्षाकृत कम हैं.
देश में कर लगाने का काम केंद्र एवं राज्य् सरकारें दोनों करती हैं तथा दोनों के लिए कर लगाने और उनकी वसूली की प्रक्रिया या अधिकार क्षेत्र निश्चित है.
केंद्र सरकार कुछ ऐसे कर लगाती और वसूलती है जिनका विभाजन होता है यानी उनका कुछ हिस्सा राज्यों को जाता है

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