बीमा कंपनियों को पूंजी बाजार में सूचीबद्ध कराने से इन कम्पनियों की आय के स्रोत बढ़ेंगे और कंपनियों को पूंजी बाजार से धन जुटाने को प्रोत्साहित किया जा सकेगा. यह सभी कंपनियां आवश्यकताओं के अनुरूप धन जुटा सकेंगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में इस प्रस्ताव को मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी.
मंत्रिपरिषद के निर्णय के अनुसार पांचो पब्लिक सैक्टर जीआईसी कम्पनी हैं. इनको सार्वजनिक सूचीबद्ध किया जाएगा. भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) की गाइडलाइंस के अनुसार इन कम्पनियों में सरकार की सौ फीसद इक्विटी की जगह अब 75 फीसदी इक्विटी रह जाएगी. साथ ही कंपनियों को बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (इरडा) के मौजूदा नियम और नियमनों का अनुपालन भी करना होगा.
इन बीमा कंपनियों में न्यू इंडिया एश्योरेंस, यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस, ओरियंटल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड, नेशनल इंश्योरेंस तथा जनरल इंश्योरेंस बीमा कंपनी सम्मिलित हैं. सरकार ने जीवन बीमा निगम यानि एलआईसी को इससे दूर रखा है.
विदेशी बीमा कंपनियों के बारे में -
- केंद्र सरकार ने विदेशी बीमा कंपनियों को संयुक्त उद्यमों में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाकर 49 प्रतिशत करने की अनुमति दी है. इससे पहले सिर्फ 26 प्रतिशत के प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की अनुमति थी. केंद्र सरकार ने बीमा क्षेत्र में विनिवेश की प्रक्रिया शुरू कर दी है.
- देश में बीमा क्षेत्र में कुल 52 बीमा कंपनियां परिचालन कर रही हैं.
- इन कंपनियों में से 24 जीवन बीमा क्षेत्र में तथा 28 साधारण बीमा क्षेत्र में परिचालित हैं.
केंद्र सरकार के इस फैसले से कंपनियां फ्रैश इक्विटी द्वारा या आफर आफ सेल या उन दोनों के कॉम्बीनेशन से पूंजी बाजार से धन जुटाने को प्रोत्साहित कर सकेंगी. साथ ही उनके कामकाज के संचालन में भी सुधार होगा.
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