केंद्र सरकार ने मातृत्‍व लाभ कार्यक्रम देश भर में लागू किया-(05-JAN-2017) C.A

| Thursday, January 5, 2017
केन्द्रीय महिला और बाल विकास मंत्रालय ने गर्भवती और स्‍तनपान कराने वाली माताओं के लाभ हेतु मातृत्‍व लाभ कार्यक्रम (एमबीपी) आरम्भ किया है. मातृत्‍व लाभ कार्यक्रम को कुपोषण और अल्‍पपोषण की समस्‍याओं से निपटने हेतु अखिल भारतीय स्तर पर विस्तार दिया गया है.
यह योजना राष्‍ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के तहत सशर्त नकद हस्‍तांतरण योजना के तहत आरम्भ की गई है. देश भर में गर्भवती और स्‍तनपान कराने वाली माताओं को लाभ पहुंचाने हेतु मातृत्‍व लाभ कार्यक्रम आरम्भ किया गया है.
भारत सरकार द्वारा मानव विकास हेतु पोषण के रूप में विशेष तौर पर सर्वाधिक कमजोर समुदायों में प्रत्‍येक महिला की इष्‍टतम पोषण स्थिति को सुनिश्चित करना है. 

मातृत्‍व लाभ कार्यक्रम की आवश्यकता-
  • कुपोषित महिला अधिकतर कम वजन वाले बच्‍चे को जन्‍म देती है.
  • महिला के साथ कुपोषण का प्रारंभ गर्भाशय से होता है. विशेष रूप से इसका प्रभाव महिला के सम्‍पूर्ण जीवन चक्र पर पड़ता है.
  • आर्थिक और सामाजिक दवाब की वजह से बहुत सी महिलाओं को अपनी गर्भावस्‍था के अंतिम दिनों तक परिवार हेतु आजीविका कमानी पड़ती है.
  • मातृत्‍व लाभ कार्यक्रम गर्भावस्‍था और स्‍तनपान दोनों की अवधि के दौरान अधिक महत्‍वपूर्ण है.
  • गर्भवती महिला के पोषण की स्थिति और उसके स्‍वास्‍थ्‍य प्रभावों के साथ-साथ उसके शिशु के स्‍वास्‍थ्‍य और विकास हेतु भी महत्‍वपूर्ण है.
मातृत्‍व लाभ कार्यक्रम के बारे में-
  • केन्द्रीय महिला और बाल विकास मंत्रालय ने राष्‍ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम की धारा 4 (बी) के प्रावधान के तहत गर्भवती और स्‍तनपान कराने वाली महिलाओं को कुपोषण से बचने हेतु सशर्त नकद हस्‍तांतरण योजना मातृत्‍व लाभ कार्यक्रम का गठन किया.
  • मातृत्‍व लाभ योजना के अंतर्गत गर्भवती और स्‍तनपान कराने वाली माताओं को नकद प्रोत्‍साहन प्रदान किया जाता है.
  • मातृत्‍व लाभ योजना के तहत प्रसव पूर्व और पश्‍चात आराम करना स्वास्थ्यके लिए हितकर है.
  • गर्भधारण और स्‍तनपान की अ‍वधि के दौरान महिला के स्‍वास्‍थ्‍य और पोषण की स्थिति में तुलनात्मक सुधार आवश्यक है.
  • नवजात के जन्‍म के छह महीनों के दौरान बच्‍चे को स्‍तनपान कराना बच्‍चे के विकास हेतु अत्‍यंत महत्‍वपूर्ण है.
  • मातृत्‍व लाभ योजना के तहत गर्भवती और स्‍तनपान कराने वाली माताओं को पहले दो जीवित शिशुओं के जन्‍म हेतु तीन किस्‍तों में 6000 रुपये का नकद प्रोत्‍साहन केंद्र सरकार द्वारा देय है.
  • केंद्र सरकार अथवा राज्‍य सरकार अथवा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में नियमित रूप से रोजगार करने वाली अथवा इसी प्रकार की किसी योजना की पात्र महिलाएं मातृत्‍व लाभ योजना के अंतर्गत लाभ लेने की हकदार नही हैं.  
भुगतान का तरीका-
  • मातृत्‍व लाभ योजना के तहत भुगतान नकद हस्‍तांतरण को डीबीटी मोड में व्‍यक्तिगत बैंक/ डाकघर खाते से जुड़े आधार के माध्‍यम से किया जाने का प्रावधान है.
  • प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी द्वारा 31 दिसम्‍बर, 2016 को की गयी घोषणा के बाद यह योजना 1 जनवरी 2017 से लागू कर दी गयी है.
  • मातृत्‍व लाभ योजना से करीब 51.70 लाख लाभार्थियों को प्रतिवर्ष लाभ मिलने का अनुमान है.

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