अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष ने नोटबंदी के बाद उपभोग के मोर्चे पर अस्थायी झटके के मद्देनजर वृद्धि दर के अनुमान को कम किया हैं. विश्व बैंक ने भी इससे पहले भारत की वृद्धि दर के अनुमान को कम किया था.
वहीं आईएमएफ ने पड़ोसी देश चीन के आर्थिक वृद्धि के अनुमान को बढ़ाया भी है.
आईएमएफ ने जारी वर्ल्ड इकनॉमिक आउटलुक अपडेट में कहा है की भारत के लिए चालू वित्त वर्ष के वृद्धि दर के अनुमान को 1 फीसदी घटाया गया हैं तथा वहीं अगले साल के लिए इसमें 0.4 फीसदी की कटौती की गई है.
नोटबंदी के बाद नकदी की कमी की वजह से खपत के मोर्चे पर जो अस्थायी झटका लगा है उसके मद्देनजर वृद्धि दर के अनुमान को कम किया गया है. नोटबंदी के कारण नकदी की कमी एवं भुगतान में खलल के कारण हुई अस्थायी नकारात्मक खपत है.
हालांकि आईएमएफ ने उम्मीद जताई है कि वर्ष 2016 में अर्थव्यवस्था की धीमी चाल के वजह से अगले दो सालों में ठीक होने की उम्मीद है.
आईएमएफ के अनुसार खासकर विकासशील देशों के बाजार अगले वर्षों में तेजी दिखा सकते हैं. वैश्विक वृद्धि दर का अनुमान 3.1 फीसदी ही रखा गया है.
अक्टूबर 2016 में भी इतनी ही वृद्धि दर का अनुमान लगाया गया था.
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