राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड ने केन-बेतवा नदी जोड़ो परियोजना को मंजूरी प्रदान की-(05-JAN-2017) C.A

| Thursday, January 5, 2017
राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड ने केन-बेतवा नदी जोड़ो परियोजना को मंजूरी प्रदान कर दी है. केंद्रीय जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्री उमा भारती के अनुसार परियोजना के मार्ग में अंतिम रुकावट समाप्त होने के बाद इसके निर्माण कार्य हेतु वित्तीय प्रबंधन को अंतिम रूप प्रदान किया जाएगा.

केन-बेतवा नदी जोडो परियोजना के बारे में-
  • केन-बेतवा नदी जोडो परियोजना में 230 किलोमीटर लंबी नहर, बैराज और बांधो की श्रृंखला होगी.
  • नहर, बैराज और बांधो की श्रृंखला ही केन और बेतवा नदियों को जोड़ने का काम करेगी.
  • परियोजना से लगभग 10 गावों के 6388 नागरिक भी जलाशय से डूब के कारण प्रभावित हो सकते हैं.
  • 28 गांव के 13499 ग्रामीण मकोडिया जलाशय में डूब के कारण प्रभावित होंगे जिन्हें दूसरे स्थानों पर बसाना होगा.
  • परियोजना से दोनों राज्यों के सत्रह लाख निवासियों को पीने का पानी और सिंचाई सुविधा का लाभ मिलेगा.
  • परियोजना से मध्य प्रदेश में 3.5 लाख हेक्टेयर और उत्तर प्रदेश (बुंदेलखंड) की 14000 हेक्टेयर भूमि पर सिंचाई की जा सकेगी.
  • परियोजना से दोनों प्रदेश के छः जिलों में मध्य प्रदेश के छतरपुर, पन्ना, टीकमगढ़, रायसेन, और विदिशा तथा उत्तरप्रदेश के महोबा, झांसी, और बांदा जिलों को लाभ मिलेगा.
  • परियोजना से इन जिलों में सिंचाई, पानी की सप्लाई और बिजली व्यवस्था में सुधार होगा.
  • परियोजना के अंतर्गत मकोडिया और धौधन बांध के निर्माण के बाद के 77 मीटर ऊंची पन्ना टाइगर रिजर्व में बाघ निवास स्थान की 5803 हेक्टेयर जमीन के भी जलमग्न होने का अंदेशा है.
  • प्रस्तावित केन बेतवा नदी जोडो परियोजना जलाशय के डूब क्षेत्र में छतरपुर जिले के 12 गांव प्रभावित होंगे. जिसमें पांच आंशिक रूप से और 7 गांव पूर्ण रूप से प्रभावित होंगे.
केन बेतवा नदी जोडो परियोजना का महत्व-
  • केन बेतवा नदी जोडो परियोजना को इसलिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है कि यदि यह प्रयोग सफल होता है तो देश की विभिन्न नदियों को आपस में जोड़ने वाली 30 अन्य योजनाओं को भी साकार रूप दिया जा सकेगा.
  • इस परियोजना से देश के दो प्रदेश उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश को लाभ मिलेगा.
डीपीआर के अनुसार उत्तरप्रदेश को केन नदी का अतिरिक्त पानी देने के बाद मध्यप्रदेश में पानी की समस्या नहीं होगी, क्योंकि बेतवा की ऊपरी धारा से उतने ही पानी की आपूर्ति मध्यप्रदेश को स्वत: हो जाएगी.
परियोजना के दूसरे चरण में मध्यप्रदेश चार बांध बनाकर रायसेन और विदिशा जिलों में भी सिंचाई का इंतजाम करेगा.
केन बेतवा नदी पर अन्य प्रस्तावित योजनाएं-
  • यहां दो बिजली संयंत्र भी बनाने का प्रस्ताव है.
  • परियोजना के तहत 220 किलोमीटर लम्बी नहर भी निकालने की बात कही गई है जो मध्यप्रदेश के छतरपुर, टीकमगढ़ और उत्तरप्रदेश के महोबा, झांसी व अन्य जिलों से होकर गुजरेगी.

0 comments:

Post a Comment