भारत में दत्तक ग्रहण विनियम लागू हुआ-(17-JAN-2017) C.A

| Tuesday, January 17, 2017
दत्तक ग्रहण विनियम 2017 भारत में 16 जनवरी 2017 से लागू हो गया. नियमों के नए सेट वर्ष 2015 के दत्तक ग्रहण कार्यक्रम का स्थान लेंगे तथा इससे देश में गोद लेने की प्रक्रिया को मजबूत बनाया जायेगा. 

दत्तक ग्रहण विनियम, 2017 
 

•    इन्हें केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा अधिसूचित किया गया.

•    यह नियम भारत द्वारा हस्ताक्षरित हेग कन्वेंशन दत्तक ग्रहण नियमों के अनुरूप हैं.

•    हेग दत्तक ग्रहण अभिसमय से बालक संरक्षण और अंतर-देशीय दत्तक ग्रहण की बाबत सहयोग पर हेग अभिसमय अभिप्रेरित है. 

•    कोई भी अनाथ या परितक्यत या अभ्यर्पित बालक और बाल कल्याण समिति द्वारा दत्तकग्रहण के लिए स्वतंत्र घोषित किया गया बालक दत्तक ग्रहण के लिए पात्र बालक है.

•    भावी दत्तक माता-पिता को शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक रूप से दृढ़, वित्तीय रूप से सक्षम होना चाहिए और उनकी जीवन को जोखिम में डालने वाली चिकित्सा दशा नहीं होनी चाहिए.

•    विवाहित दंपत्ति की दशा में दत्तकग्रहण पति-पत्नी दोनों की सहमति आवश्यक है.

•    अविवाहित एकल स्त्री किसी भी लिंग के बालक के दत्तकग्रहण के लिए स्वतंत्र है.

•    एकल पुरुष अथवा अविवाहित पुरुष किसी बालिका के दत्तक ग्रहण के लिए पात्र नहीं है.

•    किसी भी दंपत्ति को तक तक दत्तक ग्रहण नहीं दिया जायेगा जब तक कि उन्होंने स्थायी वैवाहिक संबंधों में कम से कम दो वर्ष पूरे ना कर लिए हों.

•    बालक और भावी दत्तक माता-पिता में से प्रत्येक की आयु में अंतर 25 वर्ष से कम नहीं होना चाहिए.

•    विदेशी भारतीय नागरिक अथवा भारत में रह रहे विदेशी दत्तक माता--पिता इस प्रभाव का एक शपथपत्र देंगे कि वे दत्तकग्रहण की तारिख से कम से कम दो वर्ष सी समयावधि में विशेषज्ञ दत्तकग्रहण अभिकरण या जिला बालक संरक्षण का एकक या राज्य दत्तकग्रहण संसाधन अभिकरण के प्रतिनिधियों को व्यक्तिगत मुलाकात का अवसर प्रदान करेगे

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