एलसीए तेजस पहली बार गणतंत्र दिवस पर उड़ान भरेगा-(21-JAN-2017) C.A

| Saturday, January 21, 2017
26 जनवरी 2017 आगामी गणतंत्र दिवस के अवसर पर विमान तेजस पहली बार फ्लाई पास्ट में हिस्सा लेकर अपने शौर्य का प्रदर्शन करेगा. गणतंत्र दिवस पर तेजस के अतिरिक्त 35 अन्य लडाकू विमान भी अपने करतब दिखायेंगे. 

हल्का लड़ाकू तेजस पूरी तरह स्वदेशी है. लड़ाकू विमान तेजस को एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड द्वारा डिजाइन और विकसित किया गया है. वर्ष 1980 और 1990 के दशक में मारूत अंतिम स्वदेश निर्मित लड़ाकू विमान था जिसने गणतंत्र दिवस परेड में हिस्सा लिया.

लड़ाकू विमान तेजस के अलावा गणतंत्र दिवस परेड के दौरान एमआई 17 हेलीकॉप्टर, सुखोई एसयू 30 लड़ाकू विमान, उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर रूद्र और सैन्य परिवहन विमान सी.17 ग्लोब मास्टर भी उड़ान भरेंगे.

गणतंत्र दिवस की परेड में आकर्षण का सबसे बड़ा केंद्र विमानों के करतब ही होते हैं जहां वे न केवल देश की ताकत का प्रदर्शन करते हैं बल्कि आकाश में कलाबाजियां भी दिखाते हैं. इस वर्ष भारतीय वायुसेना की झांकी महिला अधिकारियों को पायलट के तौर पर शामिल करने पर केंद्रित होगी.

तेजस के बारे में-
  • तेजस को पिछले वर्ष जुलाई 2016 में वायुसेना के 45वें स्क्वाड्रन फ्लाइंग डैगर्स में शामिल किया गया.
  • वर्तमान में यह स्क्वाड्रन बेंगलुरू से संचालित हो रहा है.
  • निकट भविष्य में इसे कोयम्बटूर के सुलुर में स्थानांतरित किया जाना प्रस्तावित है.
  • तेजस का प्रदर्शन पिछले वर्ष बहरीन में किया गया.
  • तेजस को लाइट कॉम्बेट एयरकाफ्ट यानि एलसीए भी कहा जाता है.
  • लड़ाकू विमान तेजस ने 2001 में पहली प्रोटोटाइप उड़ान भरी और तब से लेकर अब तक दो हज़ार घंटे से ज्यादा ये उड़ान भर चुका है.
  • पिछले वर्ष ही अक्तूबर 2016 में वायुसेना दिवस पर इसने पहली बार अपने शौर्य का प्रदर्शन करते हुए हिंडन वायुसेना के हवाई अड्डे से उड़ान भरी.
  • लड़ाकू विमान तेजस को दिसंबर, 2013 में शुरुआती ऑपरेशनल क्लियरेन्स मिल चुका है और इस साल के अंत तक फाइनल ऑपरेशनल क्लियरेन्स (एफओसी) भी मिल सकता है. एफओसी मिलने के बाद यह युद्ध में लड़ने के लिए तैयार हो जाएगा.
तेजस की विशेषताएं-
  • लड़ाकू विमान तेजस 50 हजार फीट की ऊंचाई पर उड़ान भर सकता है.
  • विमान तेजस में हवा से हवा में मार करने वाली डर्बी मिसाइल समाहित की गयी है.
  • तेजस में जमीन पर निशाना लगाने हेतु आधुनिक लेजर गाइडेड बम लगे हुए हैं.
  • ताकत के मामले में यह पुराने मिग-21 से कही अधिक दमदार है और इसकी तुलना मिराज-2000 से की जा सकती है.
  • इसका फ्लाइट कंट्रोल सिस्टम अत्यधिक आधुनिक और न्मज्बूत है. हवा में कलाबाजी में इसका कोई सानी नहीं है.
तेजस की बनावट -
  • लड़ाकू विमान तेजस बिना पूंछ का, कम्पाउण्ड-डेल्टा पंख वाला विमान है. विमान का आधिकारिक नाम तेजस 04 मई, 2003 को तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने रखा.
  • राजपथ पर तीन 'तेजस' विमान आकाश में उड़ान भरते हुए विजयी प्रतीक अंग्रेजी के वी (V) के आकार में नज़र आएंगे

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