ब्रिटिश वैज्ञानिकों द्वारा जनवरी 2017 में किये गये शोध के अनुसार ब्राउन ब्रेड अथवा टोस्ट एवं आलू चिप्स खाने से कैंसर का खतरा बढ़ जाता है. वैज्ञानिकों द्वारा किये गये शोध में पाया गया कि ब्रेड को भूरा होने तक गर्म करने, तलने अथवा भूनने से उसका स्वाद तो बढ़ जाता है लेकिन उससे स्वास्थ्य संबंधी खतरे भी बढ़ जाते हैं.
ब्रिटेन की सरकारी संस्था फ़ूड स्टैण्डर्ड एजेंसी द्वारा जारी सार्वजनिक चेतावनी में यह कहा गया कि आवश्यकता से अधिक सेंकने एवं भूनने के बाद खाये जाने वाले खाद्य पदार्थों के सेवन से बचें. वैज्ञानिकों द्वारा जानवरों पर शोध द्वारा इस संबंध में पता चला.
ब्रिटेन की सरकारी संस्था फ़ूड स्टैण्डर्ड एजेंसी द्वारा जारी सार्वजनिक चेतावनी में यह कहा गया कि आवश्यकता से अधिक सेंकने एवं भूनने के बाद खाये जाने वाले खाद्य पदार्थों के सेवन से बचें. वैज्ञानिकों द्वारा जानवरों पर शोध द्वारा इस संबंध में पता चला.
शोध के मुख्य बिंदु
• ब्रिटेन की फूड स्टैंडर्ड एजेंसी (एफएसए) के अनुसार आलू, ब्रेड, चिप्स या चीनी की मात्रा वाले खाद्य पदार्थों को बहुत देर तक तलने, ग्रिलिंग करने, बेक करने या रोस्ट करने से ‘एक्रिलेमाइड’ नाम का एक रसायन पैदा होता है.
• इन पदार्थों को 120 डिग्री सेंटीग्रेट या उससे अधिक तापमान पर गर्म करने पर यह रसायन पैदा होता है. इससे भोजन का रंग अवश्य बदल जाता है लेकिन उसके तत्वों में खतरनाक अवयव भी शामिल हो जाते हैं.
• वैज्ञानिकों के शोध में पता चला कि यह रसायन बिस्कुट, केक, कॉफी तथा पिज्जा बेस में भी पाया जाता है.
• ‘एक्रिलेमाइड’ रसायन कई तरह के भोजन में मौजूद रहता है तथा खाना बनाते समय स्वाभाविक रूप से पैदा होता है.
• या अधिक शर्करा (मीठा) वाले भोजन में अधिक पाया जाता है.
• वैज्ञानिकों ने पाया कि इस प्रकार के भोजन का सेवन करने से शरीर में कैंसर जन्म ले सकता है.
• वैज्ञानिकों का मानना है कि इस प्रकार के शोध से लोगों के खानपान की शैली को सुधारा जा सकेगा. एफएसए के निदेशक स्टीव वीयर्न ने वक्तव्य जारी किया कि जानवरों में एक्रीलेमाइड के कारण कैंसर होने का पता चला है.
• ब्रिटेन की फूड स्टैंडर्ड एजेंसी (एफएसए) के अनुसार आलू, ब्रेड, चिप्स या चीनी की मात्रा वाले खाद्य पदार्थों को बहुत देर तक तलने, ग्रिलिंग करने, बेक करने या रोस्ट करने से ‘एक्रिलेमाइड’ नाम का एक रसायन पैदा होता है.
• इन पदार्थों को 120 डिग्री सेंटीग्रेट या उससे अधिक तापमान पर गर्म करने पर यह रसायन पैदा होता है. इससे भोजन का रंग अवश्य बदल जाता है लेकिन उसके तत्वों में खतरनाक अवयव भी शामिल हो जाते हैं.
• वैज्ञानिकों के शोध में पता चला कि यह रसायन बिस्कुट, केक, कॉफी तथा पिज्जा बेस में भी पाया जाता है.
• ‘एक्रिलेमाइड’ रसायन कई तरह के भोजन में मौजूद रहता है तथा खाना बनाते समय स्वाभाविक रूप से पैदा होता है.
• या अधिक शर्करा (मीठा) वाले भोजन में अधिक पाया जाता है.
• वैज्ञानिकों ने पाया कि इस प्रकार के भोजन का सेवन करने से शरीर में कैंसर जन्म ले सकता है.
• वैज्ञानिकों का मानना है कि इस प्रकार के शोध से लोगों के खानपान की शैली को सुधारा जा सकेगा. एफएसए के निदेशक स्टीव वीयर्न ने वक्तव्य जारी किया कि जानवरों में एक्रीलेमाइड के कारण कैंसर होने का पता चला है.
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