इसरो एवं सीएनईएस ने सेटेलाईट प्रक्षेपण तकनीक हेतु समझौता किया-(16-JAN-2017) C.A

| Monday, January 16, 2017
भारतीय अन्तरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) एवं फ्रेंच स्पेस एजेंसी (सीएनईएस) ने 9 जनवरी 2017 को उपग्रह प्रक्षेपण प्रौद्योगिकी के लिए भागीदारी हेतु समझौते पर हस्ताक्षर किये.

इस समझौते पर इसरो के चेयरमैन किरण कुमार एवं सीएनईएस के अध्यक्ष जीन वेज़ ली-गॉल द्वारा हस्ताक्षर किये गये. इस समझौते से फ़्रांस अन्तरिक्ष कार्यक्रमों में भारत की सहायता ले सकेगा.

सीएनईएस द्वारा नासा के बाद इसरो को सहयोगी बनाया गया है. दोनों देशों के अन्तरिक्ष कार्यक्रम एवं इनके उद्देश्य लगभग समान हैं.
सीएनईएस एवं एक्सिओम रिसर्च लैब के मध्य समझौता

सीएनईएस के अध्यक्ष जीन वेज़ ली-गॉल ने एक्सिओम रिसर्च लैब के राहुल नारायण के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किये जिसके तहत लूनर रोवर के लिए बनाये गये माइक्रो कैमरा विकसित किये गये.

राहुल नारायण एक्सिओम रिसर्च लैब के सीईओ हैं. एक्सिओम रिसर्च की ओर से गूगल लूनर एक्सप्राइज के लिए टीमइंडस को तैयार किया गया है. इस प्रतियोगिता के अंतर्गत विश्वभर के वैज्ञानिक एवं इंजीनियर कम लागत वाले अंतरिक्ष मिशन प्रस्तुत कर रहे हैं.

इस समझौते के तहत सीएनईएस द्वारा टीम इंडस को चंद्रमा पर भेजा जायेगा.  

पृष्ठभूमि

भारत और फ्रांस के मध्य 50 वर्षों से भी अधिक समय से अन्तरिक्ष सहयोग का दौर चल रहा है. वर्ष 1990 से सीएनईएस और इसरो संयुक्त रूप से अन्तरिक्ष मिशन प्रक्षेपित कर रहे हैं. इन मिशनों में वर्ष 2011 में जल संसाधन एवं उर्जा वितरण के लिए प्रक्षेपित मेघा-ट्रॉपिक्युस विशेष रूप से उल्लेखनीय है.

वर्तमान में इंडो-फ्रेंच उपग्रहों को आईएसटीआरएसी (इसरो टेलेमेट्री ट्रैकिंग एंड कमांड नेटवर्क) द्वारा संचालित किया जा रहा है. आईएसटीआरएसी दो इंडो-फ्रेंच उपग्रहों सहित इसरो के अन्तरिक्ष मिशनों की देखरेख कर रहा है.

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