राष्ट्रपति ने आम बजट में रेल बजट के विलय के लिए नियम में बदलाव हेतु मंजूरी दी-(21-JAN-2017) C.A

| Saturday, January 21, 2017
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आम बजट में रेल बजट के विलय के लिए नियम में बदलाव हेतु मंजूरी दी. हाल ही में 1 फरवरी को पेश होने वाले आम बजट 2017 में इस बार रेल बजट का भी विलय हो चुका होगा.
यह 97 सालों के इतिहास में पहली बार होगा जब रेल बजट अलग से पेश नहीं किया जाएगा बल्कि वह आम बजट का ही हिस्सा हो जाएगा.
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने रेल बजट को केंद्रीय बजट में विलय करने के लिए सरकारी काम काज के नियमों में बदलाव की अपनी मंजूरी दे दी है.
कैबिनेट सचिवालय द्वारा जारी आदेश के मुताबिक आर्थिक मामलों के विभाग को आम बजट (रेल बजट को) तैयार की जिम्मेदारी सौंपी गई है. इससे पहले तक विभाग रेलवे बजट को छोड़कर अन्य बजट का कामकाज निपटाता था.
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने भारत सरकार (कामकाज का आवंटन) नियम, 1961 में संशोधन को मंजूरी दे दी है. अब आर्थिक मामलों का विभाग दोनों बजट तैयार करेगा. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सितंबर 2016 में वित्त वर्ष 2017-18 से रेल बजट को आम बजट में मिलाने के लिए कुछ ऐतिहासिक बजटीय सुधारों को मंजूरी दी थी.
रेल बजट को अलग से पेश करने की परंपरा वर्ष 1924 से शुरू हुई थी. आजादी के बाद भी यह परंपरा चलती रही जबकि अलग रेल बजट की कोई संवैधानिक विवशता नहीं है.
इसके अतिरिक्त केंद्रीय मंत्रिमंडल बजट को फरवरी महीने की आखिरी तारीख के बजाय पहले पेश करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे चुका है.
केंद्र सरकार वित्त वर्ष 2017-18 का आम बजट एक फरवरी को पेश करेगी

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