फ़िनलैंड ने अपने बेरोजगार नागरिकों को प्रतिमाह बेसिक सैलरी देने की घोषणा की. सरकार ने यह कदम देश में गरीबी तथा बेरोजगारी कम करने के लिए उठाया. प्रत्येक बेरोजगार नागरिक को सरकार की ओर से 560 यूरो दिए जायेंगे.
मुख्य बिंदु
• यह पहल दो वर्ष के लिए आरंभ की गयी है जिसमें लगभग 2000 लोगों का चयन किया गया है.
• इस संबंध में 1 जनवरी 2017 से ट्रायल आरंभ किया गया.
• चुनिंदा नागरिकों को प्रत्येक माह 560 यूरो प्रदान किये जायेंगे जिसे वे अपनी इच्छानुसार खर्च कर सकेंगे.
• चुनिंदा नागरिकों को रोज़गार प्राप्त होने के बाद भी यह राशि मिलती रहेगी.
• अधिकारिक डाटा के अनुसार प्राइवेट सेक्टर में कार्यरत लोगों की प्रति व्यक्ति मासिक आय 3500 यूरो है.
मुख्य बिंदु
• यह पहल दो वर्ष के लिए आरंभ की गयी है जिसमें लगभग 2000 लोगों का चयन किया गया है.
• इस संबंध में 1 जनवरी 2017 से ट्रायल आरंभ किया गया.
• चुनिंदा नागरिकों को प्रत्येक माह 560 यूरो प्रदान किये जायेंगे जिसे वे अपनी इच्छानुसार खर्च कर सकेंगे.
• चुनिंदा नागरिकों को रोज़गार प्राप्त होने के बाद भी यह राशि मिलती रहेगी.
• अधिकारिक डाटा के अनुसार प्राइवेट सेक्टर में कार्यरत लोगों की प्रति व्यक्ति मासिक आय 3500 यूरो है.
योजना का उद्देश्य
• इस योजना का मुख्य उद्देश्य देश से गरीबी तथा बेरोजगारी समाप्त करना है.
• इस योजना से लोगों में आभाव की भावना भी कम की जाएगी.
• वर्तमान में फ़िनलैंड में एक बेरोजगार व्यक्ति इस भय से कम आय का रोज़गार नहीं अपनाता क्योंकि उसे सरकार से मिलने वाले लाभ को खोने का डर रहता है.
यदि सरकारी भत्तों के स्थान पर बेसिक सैलरी दी जाये तो लोग और भी काम करने के लिए प्रेरित होंगे क्योंकि उन्हें पता होगा कि उन्हें घर बैठे कोई दूसरा भत्ता नहीं मिलेगा. इस योजना के चलते फ़िनलैंड की सरकार यह अपेक्षा कर रही है कि अब रोज़गार तलाश करेगी जिससे सरकार का राजस्व भी बढ़ेगा.
फ़िनलैंड की जनता द्वारा कमाई करने से सरकार को 49.1 बिलियन यूरो अर्थात 3 लाख 58 हज़ार करोड़ रुपये की कमाई राजस्व से हो जाएगी.
• इस योजना का मुख्य उद्देश्य देश से गरीबी तथा बेरोजगारी समाप्त करना है.
• इस योजना से लोगों में आभाव की भावना भी कम की जाएगी.
• वर्तमान में फ़िनलैंड में एक बेरोजगार व्यक्ति इस भय से कम आय का रोज़गार नहीं अपनाता क्योंकि उसे सरकार से मिलने वाले लाभ को खोने का डर रहता है.
यदि सरकारी भत्तों के स्थान पर बेसिक सैलरी दी जाये तो लोग और भी काम करने के लिए प्रेरित होंगे क्योंकि उन्हें पता होगा कि उन्हें घर बैठे कोई दूसरा भत्ता नहीं मिलेगा. इस योजना के चलते फ़िनलैंड की सरकार यह अपेक्षा कर रही है कि अब रोज़गार तलाश करेगी जिससे सरकार का राजस्व भी बढ़ेगा.
फ़िनलैंड की जनता द्वारा कमाई करने से सरकार को 49.1 बिलियन यूरो अर्थात 3 लाख 58 हज़ार करोड़ रुपये की कमाई राजस्व से हो जाएगी.
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