केंद्र सरकार तथा विश्व बैंक के मध्य 11 अगस्त 2015 को 308.40 मिलियन डॉलर के समझौते पर हस्ताक्षर किये गए. यह समझौता राष्ट्रीय चक्रवात जोखिम उपशमन कार्यक्रम (एनसीआरएमपी-II) के तहत किया गया है. इस पर गोवा, गुजरात, कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र तथा पश्चिम बंगाल ने भी हस्ताक्षर किये हैं.
इस समझौते पर केंद्र सरकार की ओर से आर्थिक विभाग के संयुक्त सचिव राज कुमार तथा विश्व बैंक की ओर से भारत में कार्यक्रम प्रमुख जॉन ब्लोम्क्विस्ट द्वारा हस्ताक्षर किए गए.
राष्ट्रीय चक्रवात जोखिम उपशमन कार्यक्रम के उद्देश्य
चक्रवात के समय गोवा, गुजरात, कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल राज्यों में तटीय समुदायों के मौसम संबंधी खतरों के जोखिम को कम करना.
आपदाओं से निपटने के लिए राज्यों की क्षमता को बढ़ाना तथा योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू करना.
इस समझौते पर केंद्र सरकार की ओर से आर्थिक विभाग के संयुक्त सचिव राज कुमार तथा विश्व बैंक की ओर से भारत में कार्यक्रम प्रमुख जॉन ब्लोम्क्विस्ट द्वारा हस्ताक्षर किए गए.
राष्ट्रीय चक्रवात जोखिम उपशमन कार्यक्रम के उद्देश्य
चक्रवात के समय गोवा, गुजरात, कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल राज्यों में तटीय समुदायों के मौसम संबंधी खतरों के जोखिम को कम करना.
आपदाओं से निपटने के लिए राज्यों की क्षमता को बढ़ाना तथा योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू करना.
परियोजना को राष्ट्रीय स्तर पर मजबूत बनाने के लिए जोखिम प्रबंधन हेतु तकनीकी सहायता प्रदान की जाएगी. साथ ही मौजूदा सूचनाओं के आधार पर आपदाओं से निपटने का बेहतर प्रबंधन तैयार किया जायेगा.
एनसीआरएमपी-II के चार घटक हैं
पूर्व चेतावनी प्रसार सिस्टम
चक्रवात जोखिम उपशमन इन्फ्रास्ट्रक्चर
जोखिम प्रबंधन के लिए तकनीकी सहायता
परियोजना प्रबंधन और कार्यान्वयन में सहायता
एनसीआरएमपी-II योजना के प्राथमिक लाभार्थियों में तटवर्ती क्षेत्रों के समुदाय होंगे जिन्हें चक्रवात जोखिम कम करने तथा पूर्व चेतावनी प्रणाली लागू करने में सहायता प्रदान की जाएगी.
परियोजना को राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के माध्यम से गृह मंत्रालय द्वारा लागू किया जाएगा. राज्य स्तर पर यह उस राज्य के आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा लागू की जाएगी.
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