केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी प्रत्यक्ष हस्तांतरित लाभ (पहल) योजना को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स द्वारा विश्व के सबसे बड़े नकद हस्तांतरण कार्यक्रम (घरों) के रूप में 13 अगस्त 2015 को मान्यता दी गई.
इस योजना को औपचारिक रूप से पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के तत्वावधान में 291 जिलों में वर्ष 2013 में एलपीजी सब्सिडी के लिए प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण योजना के रूप में शुरू किया गया था.
इस योजना को नवंबर 2014 में पहल के रूप में नामित किया गया और उसके बाद 54 जिलों में इस योजना का विस्तार किया गया. 1 जनवरी 2015 से यह योजना देशभर में लागू हो गई.
इस योजना को नवंबर 2014 में पहल के रूप में नामित किया गया और उसके बाद 54 जिलों में इस योजना का विस्तार किया गया. 1 जनवरी 2015 से यह योजना देशभर में लागू हो गई.
प्रत्यक्ष हस्तांतरित लाभ (पहल) योजना के बारे में
• इस योजना का का उद्देश्य फर्जी और एक ही नाम के दोहरे एलपीजी कनेक्शन को समाप्त करना तथा सस्ते एलपीजी के दुरुपयोग को रोकना है.
• इस योजना के तहत सब्सिडी वाले तरलीकृत पेट्रोलियम गैस (एलपीजी) सिलेंडर बाजार दर पर बेच जाते हैं और सिलेंडर पर मिलने वाली सब्सिडी सीधे उपभोक्ताओं के खाते में भेज दी जाती है.
• वर्तमान में प्रत्यक्ष हस्तांतरित लाभ योजना के दायरे में 9.75 करोड़ से अधिक एलपीजी ग्राहक आते हैं.
• इस योजना का का उद्देश्य फर्जी और एक ही नाम के दोहरे एलपीजी कनेक्शन को समाप्त करना तथा सस्ते एलपीजी के दुरुपयोग को रोकना है.
• इस योजना के तहत सब्सिडी वाले तरलीकृत पेट्रोलियम गैस (एलपीजी) सिलेंडर बाजार दर पर बेच जाते हैं और सिलेंडर पर मिलने वाली सब्सिडी सीधे उपभोक्ताओं के खाते में भेज दी जाती है.
• वर्तमान में प्रत्यक्ष हस्तांतरित लाभ योजना के दायरे में 9.75 करोड़ से अधिक एलपीजी ग्राहक आते हैं.
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