प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 12 अगस्त 2015 को पेस सेटर कोष (पीएसएफ) स्थापित करने के लिए भारत-अमेरिका समझौता ज्ञापन को मंजूरी दी.
पीएसएफ का उद्देश्य भारत तथा संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच स्वच्छ ऊर्जा के माध्यम से उर्जा स्रोतों को हासिल करना है जिसके लिए अमेरिका-भारत भागीदारी के माध्यम से इसे बढ़ावा दिया जायेगा.
इस समझौता ज्ञापन पर 30 जून 2015 को हस्ताक्षर किये गए थे जिससे प्रारंभिक अवस्था में अनुदान धन उपलब्ध करा कर ऑफ-ग्रिड स्वच्छ उर्जा के व्यावसायीकरण में तेजी लाने की उम्मीद जताई जा रही है. इससे दोनों देशों के मध्य कारोबार को विकसित करने तथा उत्पादों, प्रणाली एवं व्यापार मॉडल के परीक्षण की भी अनुमति प्राप्त होगी.
इससे तकनीकी और वाणिज्यिक नवाचार के माध्यम से स्वच्छ ऊर्जा की उन्नति के सहयोग में मदद मिलेगी. 500 मिलियन के भारत-अमेरिका कोष (8 मिलियन अमेरिकी डॉलर) की स्थापना 50:50 शेयरिंग आधार पर हुई है.
पीएसएफ का उद्देश्य भारत तथा संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच स्वच्छ ऊर्जा के माध्यम से उर्जा स्रोतों को हासिल करना है जिसके लिए अमेरिका-भारत भागीदारी के माध्यम से इसे बढ़ावा दिया जायेगा.
इस समझौता ज्ञापन पर 30 जून 2015 को हस्ताक्षर किये गए थे जिससे प्रारंभिक अवस्था में अनुदान धन उपलब्ध करा कर ऑफ-ग्रिड स्वच्छ उर्जा के व्यावसायीकरण में तेजी लाने की उम्मीद जताई जा रही है. इससे दोनों देशों के मध्य कारोबार को विकसित करने तथा उत्पादों, प्रणाली एवं व्यापार मॉडल के परीक्षण की भी अनुमति प्राप्त होगी.
इससे तकनीकी और वाणिज्यिक नवाचार के माध्यम से स्वच्छ ऊर्जा की उन्नति के सहयोग में मदद मिलेगी. 500 मिलियन के भारत-अमेरिका कोष (8 मिलियन अमेरिकी डॉलर) की स्थापना 50:50 शेयरिंग आधार पर हुई है.
पृष्ठभूमि
केंद्र सरकार तथा संयुक्त राज्य अमेरिका ने एक साझा पहल के रूप में उर्जा प्रसार द्वारा स्वच्छ उर्जा की प्राप्ति (पीईएसीई) कार्यक्रम आरंभ किया. यह भारत एवं अमेरिका की स्वच्छ उर्जा योजना है जिसमें भारत सरकार तथा अमेरिका की विभिन्न एजेंसियां शामिल हैं. इसकी जानकारी अमेरिका के राष्ट्रपति द्वारा जनवरी 2015 में भारत दौरे के दौरान जारी संयुक्त वक्तव्य में भी दी गयी है.
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