उत्तर प्रदेश सरकार ने 11 अगस्त 2015 को बेगम अख्तर पुरस्कार के लिए दिशा निर्देशों में संशोधन को मान्यता प्रदान की. इस संशोधन के पश्चात् मुख्यमंत्री को किसी भी अन्य संशोधन करने कर अधिकार प्राप्त होगा.
यह पुरस्कार ग़ज़ल, दादरा तथा ठुमरी के गायकों को इस क्षेत्र में विशेष पहचान प्राप्त करने पर दिया जाता है. पुरस्कार प्राप्त करने के लिए गायक को उत्तर प्रदेश का निवासी होना चाहिए तथा उसकी आयु 40 वर्ष से कम नहीं होनी चाहिए.
पुरस्कार में 5 लाख रूपए नगद, एक अंगवस्त्रम तथा एक प्रमाण पत्र शामिल है.
यह पुरस्कार ग़ज़ल, दादरा तथा ठुमरी के गायकों को इस क्षेत्र में विशेष पहचान प्राप्त करने पर दिया जाता है. पुरस्कार प्राप्त करने के लिए गायक को उत्तर प्रदेश का निवासी होना चाहिए तथा उसकी आयु 40 वर्ष से कम नहीं होनी चाहिए.
पुरस्कार में 5 लाख रूपए नगद, एक अंगवस्त्रम तथा एक प्रमाण पत्र शामिल है.
बेगम अख्तर पुरस्कार का नाम अख्तरी बाई फैजाबादी के नाम पर रखा गया है. उन्हें बेगम अख्तर के नाम से भी जाना जाता है, उन्होंने ग़ज़ल, दादरा तथा ठुमरी में विशेष स्थान अर्जित किया है. उन्हें गायन के लिए संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार, पदमश्री एवं पदम भूषण (मरणोपरांत) से भी सम्मानित किया गया. उन्हें मल्लिका-ए-ग़ज़ल के नाम से भी जाना जाता है.
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