दिल्ली सरकार ने 6 अगस्त 2015 को उर्दू अकादमी का पुनर्गठन किया है. नई गवर्निंग बॉडी में उर्दू के 19 शायरों, शिक्षाविदों और लेखकों को शामिल किया गया है.
डॉ मजीद देओबंदी को अकादमी का उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया है. देओबंदी उर्दू साहित्य में एक प्रसिद्ध नाम हैं.
डॉ मजीद देओबंदी को अकादमी का उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया है. देओबंदी उर्दू साहित्य में एक प्रसिद्ध नाम हैं.
सरकार ने उर्दू अकादमी की ओर से आयोजित मुशायरे तथा अन्य कार्यक्रमों में शामिल होने वाले कलाकारों का मानदेय 5,000 से बढ़ाकर 15,000 रूपए करने का फैसला भी किया है.
सरकार द्वारा किये गए इस प्रयास का उद्देश्य दिल्ली में कला तथा सांस्कृतिक कार्यों को बढ़ावा देना है.
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