भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) ने अनुभवी हॉकी फॉरवर्ड खिलाड़ी रानी रामपाल को 3 अगस्त 2015 को साई में सहायक कोच का पद ग्रहण करने की सिफारिश की.
उनके बेहतरीन रिकॉर्ड को देखते हुए उन्हें यह पद दिया जा रहा है. साई ने उन्हें भर्ती के अपने नियमों में भी छूट दी है. हरियाणा की रहने वाली रानी ने पहली बार तब सभी का ध्यान अपनी तरफ खींचा था जब वे 15 साल की आयु में विश्व कप 2010 में भाग लेने वाली भारतीय टीम का हिस्सा बनीं थीं.
इससे पहले उन्होंने वर्ष 2009 में रूस के कजान में चैंपियंस चैलेंज टूर्नामेंट में चार गोल करके भारत को खिताब दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी तथा उन्हें टूर्नामेंट की युवा खिलाड़ी का पुरस्कार प्रदान किया गया था.
उनके बेहतरीन रिकॉर्ड को देखते हुए उन्हें यह पद दिया जा रहा है. साई ने उन्हें भर्ती के अपने नियमों में भी छूट दी है. हरियाणा की रहने वाली रानी ने पहली बार तब सभी का ध्यान अपनी तरफ खींचा था जब वे 15 साल की आयु में विश्व कप 2010 में भाग लेने वाली भारतीय टीम का हिस्सा बनीं थीं.
इससे पहले उन्होंने वर्ष 2009 में रूस के कजान में चैंपियंस चैलेंज टूर्नामेंट में चार गोल करके भारत को खिताब दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी तथा उन्हें टूर्नामेंट की युवा खिलाड़ी का पुरस्कार प्रदान किया गया था.
उन्होंने वर्ष 2010 में फेडरेशन ऑफ़ इंडियन हॉकी की महिला यंग प्लेयर अवार्ड के लिये नामित किया गया था, यह उपलब्धि हासिल करने वाली वह एकमात्र भारतीय खिलाडी हैं. उनके शानदार प्रदर्शन से भारत ने वर्ष 2013 के जूनियर विश्वकप में कांस्य पदक जीता था.
साई ने युवा महिला खिलाड़यिों को प्रोत्साहित करने के लिए रानी को सहायक कोच बनाने का फैसला किया है.
साई ने युवा महिला खिलाड़यिों को प्रोत्साहित करने के लिए रानी को सहायक कोच बनाने का फैसला किया है.
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