उच्चतम न्यायालय ने राजीव गांधी के हत्या के आरोपियों की सुधारात्मक याचिका खारिज की-(04-AUG-2015) C.A

| Tuesday, August 4, 2015
उच्चतम न्यायालय ने 29 जुलाई 2015 को भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के हत्या के आरोपियों की सुधारात्मक याचिका (curative petition) खारिज की. इसके तहत न्यायालय ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के तीन हत्यारों की मौत की सजा को उम्रकैद में तब्दील किए जाने के खिलाफ केंद्र की ओर से दाखिल सुधारात्मक याचिका को खारिज किया.
उच्चतम न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश एच एल दत्तू की अध्यक्षता वाली न्यायालय के पीठ में न्यायमूर्ति टी एस ठाकुर, न्यायमूर्ति ए आर दवे, न्यायमूर्ति रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति शिव कीर्ति सिंह भी शामिल थे. सर्वोच्च अदालत का यह फैसला तत्कालीन संप्रग सरकार की ओर से दायर सुधारात्मक याचिकाओं पर आया. ये याचिकाएं पुनर्विचार याचिकाओं को खारिज किए जाने के बाद दायर की गई थी.
इस संबंध में न्यायाधीशों की पीठ ने कहा कि “हमने सुधारात्मक याचिकाओं और संबंधित दस्तावेजों पर गौर किया है. हमारी राय में ये उन मापदंडों के भीतर नहीं आते हैं जिनका रूपा अशोक हुर्रा बनाम अशोक हुर्रा एवं अन्य के मामले में इस अदालत के फैसले में संकेत दिया गया था. उन्होंने कहा, ऐसे में सुधारात्मक याचिका को खारिज किया जाता है.”
विदित हो कि राजीव गांधी के हत्यारों संतन, मुरूगन और पेरारिवलन की मौत की सजा को उम्रकैद में तब्दील किए जाने को चुनौती देते हुए दायर पुनर्विचार याचिकाओं को उच्चतम न्यायालय ने फरवरी 2014 में इस आधार पर खारिज किया था कि उनकी दया याचिकाओं पर फैसला करने में 11 साल का विलंब हुआ है. ये तीनों दोषी वेल्लोर की जेल में बंद हैं. राजीव गांधी की 21 मई 1991 को तमिलनाडु के श्रीपेरमबदूर में हत्या हुई थी.

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