भारतीय रिज़र्व बैंक ने 9 जुलाई 2015 को मास ट्रांजिट सेवा प्रदाताओं को सुविधा प्रदान करने के उददेश से एक अलग प्रकार के सेमी-क्लोस्ड पीपीआई(प्री-पेड इंस्ट्रुमेंट) से संबंधित दिशानिर्देश जारी किए.
पीपीआई-एमटीएस से मेट्रो ट्रेन और सड़क परिवहन सेवाओं जैसे मॉस ट्रांजिट सेवा प्रदाताओं सहित विभिन्न वर्गों को मदद मिलेगी और इससे छोटे मूल्य के नकदी भुगतानों का निपटान करने वाले मास ट्रांजिट सिस्टमों को आगे बढ़ाने का लक्ष्य पूरा किया जा सकेगा. इसके अतिरिक्त इस सुविधा से नियमित सफर करने वाले लोगों को मदद मिलेगी.
इसकी न्यूमनतम वैधता अवधि निर्गम तारीख से छह माह होगी.
इसकी बकाया सीमा अधिकतम 2000 रुपए होगी.
पीपीआई-एमटीएस से मेट्रो ट्रेन और सड़क परिवहन सेवाओं जैसे मॉस ट्रांजिट सेवा प्रदाताओं सहित विभिन्न वर्गों को मदद मिलेगी और इससे छोटे मूल्य के नकदी भुगतानों का निपटान करने वाले मास ट्रांजिट सिस्टमों को आगे बढ़ाने का लक्ष्य पूरा किया जा सकेगा. इसके अतिरिक्त इस सुविधा से नियमित सफर करने वाले लोगों को मदद मिलेगी.
इसकी न्यूमनतम वैधता अवधि निर्गम तारीख से छह माह होगी.
इसकी बकाया सीमा अधिकतम 2000 रुपए होगी.
पीपीआई-एमटीएस लिखतों का उपयोग मास ट्रैंजि़ट सिस्टहम को छोड़कर ऐसे अन्यस व्या पारियों के पास किया जा सकता है जिनके कार्यकलाप ट्रैंजि़ट सिस्टमम से संबद्ध हों या जिनके कार्यकलाप ट्रैंजि़ट सिस्टवम के परिसर के अंदर होते हों.
विदित हो रिज़र्व बैंक ने मेट्रो ट्रेन और सड़क परिवहन सेवाओं जैसे मास ट्रांजिट सेवा प्रदाताओं सहित विभिन्न वर्गों द्वारा पीपीआईज़ की माँग को देखते हुए इस सम्बन्ध में लोगो से सुझाव माँगे थे.
विदित हो रिज़र्व बैंक ने मेट्रो ट्रेन और सड़क परिवहन सेवाओं जैसे मास ट्रांजिट सेवा प्रदाताओं सहित विभिन्न वर्गों द्वारा पीपीआईज़ की माँग को देखते हुए इस सम्बन्ध में लोगो से सुझाव माँगे थे.
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