पीपीपी मॉडल के तहत बनें भारत के प्रथम रेलवे लाइन का गुजरात में उद्घाटन-(17-JUL-2015) C.A

| Friday, July 17, 2015
रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने 14 जुलाई 2015 को पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल के तहत बनें भारत के प्रथम ब्रॉड-गेज रेलवे लाइन का गुजरात में (गांधीधाम से टुना टेकरा बंदरगाह) उद्घाटन किया.
यह रेल लाइन भारतीय रेल की गैर-सरकारी रेलवे (एनजीआर) नीति 2012 के तहत निजी क्षेत्र की भागीदारी के साथ बनाया गया भारत का पहला रेलवे लाइन है. यह राज्य के कांडला बंदरगाह के पास टुना टेकरा स्थित कार्गो टर्मिनल को देश के रेलवे नेटवर्क से जोड़ दिया. रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने दिल्ली स्थित रेल भवन से रिमोट कंट्रोल सिस्टम के जरिए गांधीधाम-टुना टेकरा के बीच पहली माल गाड़ी को हरी झंडी दिखाई.
गांधीधाम से टुना टोकरा के बीच 18 कि. मी. लंबी ब्रॉड गेज रेलवे लाइन निर्माण की लागत 185 करोड़ रुपये आई. इसमें कांडला पोर्ट, अडाणी पोर्ट और अडाणी ग्रुप का स्पेशल इकनॉमिक जोन (एपीएसईजे) को मैनेज करने वाले कांडला पोर्ट ट्रस्ट (केपीटी) ने रेलवे परियोजना की फंडिंग की है. इस नई लाइन का निर्माण कार्य मई 2014 में शुरू हुआ था. भारतीय रेलवे के अनुसार, 18 कि. मी. की लाइन में 11 कि. मी. रेलवे द्वारा बनाया गया है जबकि शेष 7 कि. मी. लाइन केपीटी ने बिछाई है.

गैर-सरकारी रेलवे (एनजीआर) नीति-2012 से संबंधित मुख्य तथ्य:
गैर-सरकारी रेलवे (एनजीआर) नीति 2012 (Non-Government Railway Policy 2012), भारतीय रेल से रेल संपर्क और क्षमता वृद्धि परियोजनाओं को शुरू करने के लिए वर्ष 2012 में सहभागी मॉडल नीति के निजी लाइन / गैर-सरकारी रेलवे (एनजीआर) मॉडल के रूप में प्रारंभ की गई. इसके तहत भारतीय रेलवे 4 प्रमुख बंदरगाहों (धामरा पोर्ट, टूना पोर्ट, जयगढ़ पोर्ट, दीघी पोर्ट को रेलवे से जोड़ने का कार्य शुरू किया. रेलवे को इन चार परियोजनाओं से लगभग 2400 करोड़ रुपए निवेश उत्पन्न होने की उम्मीद है. एनजीआर पॉलिसी 2012 के तहत गांधीधाम-टुना टेकरा लाइन इंडियन रेलवेज का पहला नन-गवर्नमेंट रेलवे (एनजीआर) प्रॉजेक्ट है. इससे सालाना 500 करोड़ रुपये की आय की उम्मीद है.

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