भारत ने टैंक भेदी मिसाइल नाग का हेलीकॉप्टर प्लैटफॉर्म से प्रायोगिक परीक्षण किया-(14-JUL-2015) C.A

| Tuesday, July 14, 2015
भारत के रक्षा अनुसंधान विकास संगठन (डीआरडीओ) की टैंक भेदी मिसाइल नाग का 13 जुलाई 2015 को हेलीकॉप्टर प्लैटफॉर्म से प्रायोगिक परीक्षण किया गया.
देश में निर्मित टैंक भेदी गाइडेड मिसाइल ‘नाग’ का राजस्थान के जैसलमेर स्थित एक फायरिंग रेंज में परीक्षण किया, जो हेलीकॉप्टर प्लैटफॉर्म से सात किलोमीटर की दूरी तक मार कर सकती है. हेलीकॉप्टर-प्रक्षेपित नाग (हेलिना) मिसाइल का चंधान फायरिंग रेंज में त्रिस्तरीय परीक्षण किया गया.
हेलिना ‘नाग’ का हेलीकॉप्टर से दागा जा सकने वाला संस्करण है और इसे रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने इंटीग्रेटेड गाइडेड मिसाइल डेवलपमेंट प्रोग्राम (आईजीएमडीपी) के तहत विकसित किया.
तीसरी पीढ़ी की नाग मिसाइल के इससे पहले पोखरण फायरिंग रेंज और चांदीपुर स्थित एकीकृत परीक्षण केंद्र  से मूल्यांकन परीक्षण किए गए थे जिन्हें सफल करार दिया गया. 8 जुलाई 2013 को पोखरण में गर्म रेगिस्तान स्थितियों में टैंक भेदी मिसाइल के परीक्षण किए गए. परीक्षणों में इमेजिंग इन्फ्रारेड  के उन्नत संस्करण के प्रदर्शन के मूल्यांकन के लिए 2.8 किलोमीटर और 3.2 किलोमीटर की विभिन्न दूरियों पर चल और अचल दोनों तरह के लक्ष्यों पर निशाना साधा गया. नाग के एक बार सशस्त्र बलों में शामिल हो जाने पर हेलिना मिसाइल को अत्याधुनिक हल्के हेलीकॉप्टर ध्रुव से जोड़ा जाएगा.
नाग मिसाइल 
नाग मिसाइल भारत द्वारा स्वदेशीय निर्मित एक तीसरी पीढ़ी की टैंक भेदी मिसाइल है. इस मिसाइल को भारत के रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन द्वारा एकीकृत निर्देशित मिसाइल विकास कार्यक्रम के तहत विकसित किया गया है. नाग मिसाइल के विकास की लागत लगभत 300 करोड़ रुपए है. यह परियोजना वर्ष 1980 में आरंभ की गई.

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