अमेरिका ने ट्यूनीशिया को 16वां प्रमुख गैर–नाटो सहयोगी मनोनीत किया-(17-JUL-2015) C.A

| Friday, July 17, 2015
10 जुलाई 2015 को को संयुक्त राज्य अमेरिका (यूएसए) ने औपचारिक रूप से ट्यूनीशिया को 16वां प्रमुख गैर–नाटो सहयोगी (MNNA) मनोनीत कर दिया. 

इससे पहले 21 मई 2015 को ट्यूनीशिया के राष्ट्रपति कैड एस्सेबसी के वाशिंगटन दौरे के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने ट्यूनीशिया को MNNA दर्जा दिए जाने के फैसले की घोषणा की थी. 

MNNA दर्जा कई प्रकार के विशेषाधिकार देता है जिसमें प्रशिक्षण, सहयोगात्म अनुसंधान और विकास के लिए उपकरणों हेतु ऋण और अमेरिका द्वारा ट्यूनीशिया के लिए कुछ रक्षा वस्तुओं के वाणिज्यिक पट्टे हेतु विदेशी सैन्य वित्तपोषण शामिल हैं.
प्रमुख गैर–नाटे सहयोगी दर्जा के बारे में
• यह अमेरिकी सरकार द्वारा अपने ऐसे करीबी सहयोगियोंको दिया जाने वाला दर्जा है जिनके अमेरिका के सैन्य बलों के साथ रणनीतिक रिश्ते तो हैं लेकिन वे उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के सदस्य नहीं हैं.
• MNNA दर्जा में अमेरिका के साथ स्वतः मैनुअल रक्षा संधि शामिल नहीं है फिर भी इसके मिलने के बाद कई प्रकार के सैन्य और वित्तीय लाभ मिलते हैं जो गैर– नाटो देशों को नहीं मिलते. 
• सबसे पहले यह जब कांग्रेस ने 1989 में धारा 2350a में संशोधन – जिसे नुन अमेंडमेंट के नाम से जाना जाता है, कर संयुक्त राज्य कोड में टाइटल 10 (सैन्य बल) जोड़ा, तब यह बना था. 
• MNNA दर्जा वाले देशों की सूची– ट्यूनीशिया, ऑस्ट्रेलिया, मिस्र, इस्राइल, जापान, दक्षिण कोरिया, जॉर्डन, न्यूजीलैंड, अर्जेंटिना, बहरीन, फिलिपिंस, थाइलैंड, कुवैत, मोरक्को, पाकिस्तान, अफगानिस्तान. 
• 2015 के कैंप डेविड समिट के दौरान गल्फ कोऑपरेशन काउंसिल (GCC) देशों के साथ ओबोमा प्रशासन ने सउदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, ओमान और कतर को MNNA दर्जा देने पर विचार किया.

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