इन पौधों की खोज विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा प्रायोजित की गई परियोजना के तहत की गई.
खोज की पुष्टि पत्रिका ‘इंटरनेशनल जर्नल वेबिया: जर्नल ऑफ़ प्लांट टेक्सोनेमी एण्ड फाइटोजियोग्राफी’ के जून 2015 के अंक में की गई.
वेल्लीथुम्पा के बारे में –
• इस पौधे की खोज एर्नाकुलम जिले की सबसे ऊंची चोटी शूलामुडी की चट्टानों पर की गई. यह चोटी एड्मालायर वन क्षेत्र में स्थित है.
• यह मिन्ट समूह से सम्बंधित एक झाड़ीदार पौधा है.
• इस पौधे पर सफेद चमकीले रेशें हैं जिसके कारण इसे स्थानीय भाषा में वेल्लीथुम्पा नाम दिया गया है.
• इस पौधे में सफेद फूल निकलते हैं और इसमें एक बेलनाकार संरचना के अन्दर लाल परागकोष होता है.
वेल्लीथुम्पा के बारे में –
• इस पौधे की खोज एर्नाकुलम जिले की सबसे ऊंची चोटी शूलामुडी की चट्टानों पर की गई. यह चोटी एड्मालायर वन क्षेत्र में स्थित है.
• यह मिन्ट समूह से सम्बंधित एक झाड़ीदार पौधा है.
• इस पौधे पर सफेद चमकीले रेशें हैं जिसके कारण इसे स्थानीय भाषा में वेल्लीथुम्पा नाम दिया गया है.
• इस पौधे में सफेद फूल निकलते हैं और इसमें एक बेलनाकार संरचना के अन्दर लाल परागकोष होता है.
इरियोकोलन मनोहारानी के बारे में –
• इस पौधे की खोज ममअलाकनन्दम मुनिपरा क्षेत्र के पर्वतों में हुई है. यह क्षेत्र नेरीअमंगलम वन क्षेत्र में पड़ता है.
• यह पाइपवोर्ट्स समूह से संबंधित एक घास है और जिसमें सफेद फूल निकलते हैं.
• इस पौधे का नाम वन संरक्षक टीएम मनोहरन के नाम पार दिया गया है जिन्होंने जैव विविधता संरक्षण और वन्य जीवन संरक्षण में अपना योगदान दिया है.
• इस पौधे की खोज ममअलाकनन्दम मुनिपरा क्षेत्र के पर्वतों में हुई है. यह क्षेत्र नेरीअमंगलम वन क्षेत्र में पड़ता है.
• यह पाइपवोर्ट्स समूह से संबंधित एक घास है और जिसमें सफेद फूल निकलते हैं.
• इस पौधे का नाम वन संरक्षक टीएम मनोहरन के नाम पार दिया गया है जिन्होंने जैव विविधता संरक्षण और वन्य जीवन संरक्षण में अपना योगदान दिया है.
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