प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने नागर विमानन के क्षेत्र में भारत और कनाडा के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर को मंजूरी प्रदान की. केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा यह मंजूरी 16 जुलाई 2015 को दी गई. समझौता ज्ञापन से दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय सहयोग और नागर विमानन के क्षेत्र में अनुभव और तकनीकी जानकारी बढ़ाने में मदद मिलेगी.
इससे दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय सहयोग को मजबूती मिलेगी.
समझौता ज्ञापन के मुख्य बिंदु
• नागर विमानन के क्षेत्र में दोनों देशों के बीच व्यावसायिक/ आर्थिक सहयोग बढ़ाने की संभावनाओं पर विचारों के आदान-प्रदान के लिए एक उपयुक्त मंच बनाया जाये.
• दोनों देशों के बीच विमान संचालन की सुरक्षा और संबंधित अन्य क्षेत्रों में सहयोग कार्यक्रम होना चाहिए ताकि नागर विमानन महानिदेशालय को सर्वश्रेष्ठ अंतरराष्ट्रीय मानकों और नवीनतम अंतरराष्ट्रीय नागर विमानन संगठन के सुरक्षा निरीक्षण कार्यक्रम की जरूरतों के बारे में अद्यतन जानकारी दी जा सके.
• कनाडा की कंपनियों के साथ तकनीकी जानकारी के आदान-प्रदान से भारतीय कंपनियों को लाभ मिल सकता है क्योंकि विमानन उद्योग कनाडा में बेहद विकसित है.
• कनाडा की कंपनियां भी भारत में तेजी से बढ़ते नागर विमानन उद्योग से लाभ उठा सकती हैं.
समझौता ज्ञापन के मुख्य बिंदु
• नागर विमानन के क्षेत्र में दोनों देशों के बीच व्यावसायिक/ आर्थिक सहयोग बढ़ाने की संभावनाओं पर विचारों के आदान-प्रदान के लिए एक उपयुक्त मंच बनाया जाये.
• दोनों देशों के बीच विमान संचालन की सुरक्षा और संबंधित अन्य क्षेत्रों में सहयोग कार्यक्रम होना चाहिए ताकि नागर विमानन महानिदेशालय को सर्वश्रेष्ठ अंतरराष्ट्रीय मानकों और नवीनतम अंतरराष्ट्रीय नागर विमानन संगठन के सुरक्षा निरीक्षण कार्यक्रम की जरूरतों के बारे में अद्यतन जानकारी दी जा सके.
• कनाडा की कंपनियों के साथ तकनीकी जानकारी के आदान-प्रदान से भारतीय कंपनियों को लाभ मिल सकता है क्योंकि विमानन उद्योग कनाडा में बेहद विकसित है.
• कनाडा की कंपनियां भी भारत में तेजी से बढ़ते नागर विमानन उद्योग से लाभ उठा सकती हैं.
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