16 जुलाई 2015 को भारत और विश्व बैंक ने आंध्र प्रदेश आपदा रिकवरी परियोजना को 250 मिलियन अमेरिकी डॉलर की सहायता देने के लिए एक वित्तीय समझौते पर हस्ताक्षर किया. यह पांच वर्षों के कार्यान्वयन अवधि का एक ऋण है और परियोजना का कार्यान्वयन एजेंसी का काम आंध्र प्रदेश सरकार करेगी.
समझौते पर केंद्र सरकार के आर्थिक मामला विभाग के संयुक्त सचिव एस सेलवाकुमार और विश्व बैंक की तरफ से विश्व बैंक के कंट्री डायरेक्टर ( भारत) ओन्नो रुहल ने हस्ताक्षर किया.
जबकि परियोजना समझौते पर आंध्र प्रदेश सरकार की तरफ से भूमि एवं आपदा प्रबंधन के मुख्य सचिव जगदीश चंदर शर्मा ने हस्ताक्षर किया.
समझौते पर केंद्र सरकार के आर्थिक मामला विभाग के संयुक्त सचिव एस सेलवाकुमार और विश्व बैंक की तरफ से विश्व बैंक के कंट्री डायरेक्टर ( भारत) ओन्नो रुहल ने हस्ताक्षर किया.
जबकि परियोजना समझौते पर आंध्र प्रदेश सरकार की तरफ से भूमि एवं आपदा प्रबंधन के मुख्य सचिव जगदीश चंदर शर्मा ने हस्ताक्षर किया.
आंध्र प्रदेश आपदा रिकवरी परियोजना की मुख्य बातें
• परियोजना का उद्देश्य आंध्र प्रदेश के लक्षित समुदायों में सार्वजनिक सेवाओं, पर्यावरणीय सुविधाओं और आजीविका को फिर से बहाल करना, उसमें सुधार लाना और लचीलेपन का बढ़ाना है.
• इसका उद्देश्य संकट या आपात स्थितियों के समय तत्काल और प्रभावी ढंग से प्रतिक्रिया करने की राज्य की क्षमता को बढ़ाना है.
• परियोजना से सीधे लाभ प्रभावित तटीय इलाकों खासकर सबसे अधिक प्रभावित चार जिलों – श्रीकाकुलम, विजयनगरम, विशाखापत्तनम और पूर्वी गोदावरी, की आबादी को होगा.
• परियोजना का उद्देश्य आंध्र प्रदेश के लक्षित समुदायों में सार्वजनिक सेवाओं, पर्यावरणीय सुविधाओं और आजीविका को फिर से बहाल करना, उसमें सुधार लाना और लचीलेपन का बढ़ाना है.
• इसका उद्देश्य संकट या आपात स्थितियों के समय तत्काल और प्रभावी ढंग से प्रतिक्रिया करने की राज्य की क्षमता को बढ़ाना है.
• परियोजना से सीधे लाभ प्रभावित तटीय इलाकों खासकर सबसे अधिक प्रभावित चार जिलों – श्रीकाकुलम, विजयनगरम, विशाखापत्तनम और पूर्वी गोदावरी, की आबादी को होगा.
इसके सात घटक होंगे–
–बिजली का लचीला नेटवर्क.
–कनेक्टिविटी और आश्रय की बुनियादी सुविधाओं की बहाली.
–समुद्र तट की बहाली और सुरक्षा.
–पर्यावरण सेवाओं और सुविधाओं की बहाली और आजीविका समर्थन.
–आपदा जोखिम प्रबंधन के लिए क्षमता निर्माण और तकनीकी सहायता.
–परियोजना कार्यान्वयन समर्थन
–आकस्मिकता आपातकालीन प्रतिक्रिया.
–कनेक्टिविटी और आश्रय की बुनियादी सुविधाओं की बहाली.
–समुद्र तट की बहाली और सुरक्षा.
–पर्यावरण सेवाओं और सुविधाओं की बहाली और आजीविका समर्थन.
–आपदा जोखिम प्रबंधन के लिए क्षमता निर्माण और तकनीकी सहायता.
–परियोजना कार्यान्वयन समर्थन
–आकस्मिकता आपातकालीन प्रतिक्रिया.
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