स्वदेश निर्मित तारपीडो प्रक्षेपण तथा रिकवरी पोत आईएनएस अस्त्रवाहिनी 16 जुलाई 2015 को 31 वर्षों तक देश की सेवा में कार्यरत रहने के पश्चात् सेवामुक्त किया गया.
नौसेना विज्ञान और तकनीकी प्रयोगशाला (एनएसटीएल) द्वारा निर्मित इस पोत ने भारतीय नौसेना को भरपूर सहयोग दिया है. इसे एक समारोह में कोमोडोर के. ए. बोपन्ना, नौसेना ऑफिसर-इन-चार्ज (आंध्र प्रदेश प्रभाग) शिप बिल्डिंग सेंटर, आंध्र प्रदेश द्वारा सेवामुक्त किया गया.
नौसेना विज्ञान और तकनीकी प्रयोगशाला (एनएसटीएल) द्वारा निर्मित इस पोत ने भारतीय नौसेना को भरपूर सहयोग दिया है. इसे एक समारोह में कोमोडोर के. ए. बोपन्ना, नौसेना ऑफिसर-इन-चार्ज (आंध्र प्रदेश प्रभाग) शिप बिल्डिंग सेंटर, आंध्र प्रदेश द्वारा सेवामुक्त किया गया.
आईएनएस अस्त्रवाहिनी
यह टारपीडो लॉन्च और रिकवरी वर्ग का एक सहायक पोत था. इसे एनएसटीएल द्वारा अक्टूबर 1981 में रक्षा अनुसंधान और विकास कार्यों हेतु विकसित किया गया था.
इसे विशाखापत्तनम में वर्ष 1984 में भारतीय नौसेना में शामिल किया गया था.
यह अपने वर्ग का एकमात्र पोत था जिसे एनएसटीएल द्वारा बड़े पैमाने पर प्रयोगात्मक तौर पर भारतीय नौसेना द्वारा टॉरपीडो लॉन्च करने के लिए प्रयोग किया गया.
पोत के कमांडर लेफ्टिनेंट रोहन कुलकर्णी थे.
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