आर्थिक मामलों की मंत्रीमंडलीय समिति (CCEA) ने 16 जुलाई 2015 को देश के 7 राज्यों में अंतर राज्य ट्रांसमिशन प्रणाली बनाने की मंजूरी दे दी. ये सात राज्य हैं– आंध्र प्रदेश, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और राजस्थान.
इस प्रणाली का निर्माण 8548 करोड़ रुपयों की अनुमानित लागत के साथ किया जाएगा जिसमें से 3419 करोड़ रुपये (कुल लागत का 40 फीसदी) का योगदान राष्ट्रीय स्वच्छ उर्जा कोष (NCEF) करेगा. बाकी की लागत KfW ( जर्मन डेवलपमेंट बैंक) ऋण (कुल लागत का 40 फीसदी) से और बाकी का 20 फीसली लागत खर्च राज्य के योगदान से पूरा किया जाएगा.
इस बात का फैसला नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई CCEA की बैठक में किया गया था. परियोजना के तीन से पांच वर्ष में पूरा किए जाने की उम्मीद है.
परियोजना के तहत– इन सात राज्यों में 7800ckt-kms (सर्किट किलोमीटर) से अधिक की स्थापना कर करीब 17100MVA की कुल ट्रांसफॉर्मेशन क्षमता के साथ विभिन्न वोल्टेज स्तरों के लिए 48 नए ग्रिड उप– केंद्रों की स्थापना करना शामिल है.
इस बात का फैसला नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई CCEA की बैठक में किया गया था. परियोजना के तीन से पांच वर्ष में पूरा किए जाने की उम्मीद है.
परियोजना के तहत– इन सात राज्यों में 7800ckt-kms (सर्किट किलोमीटर) से अधिक की स्थापना कर करीब 17100MVA की कुल ट्रांसफॉर्मेशन क्षमता के साथ विभिन्न वोल्टेज स्तरों के लिए 48 नए ग्रिड उप– केंद्रों की स्थापना करना शामिल है.
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