पूर्व ओलंपियन सिलवानुस डुंगडुंग (70 वर्षीय) को मेजर ध्यानचंद लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड प्रदान किया जाएगा. यह घोषणा 22 अगस्त 2016 को की गयी.
हॉकी खिलाड़ी सिलवानुस डुंगडुंग को यह अवार्ड 29 अगस्त को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी द्वारा दिल्ली में हॉकी में सराहनीय योगदान हेतु प्रदान किया जाएगा.
हॉकी में डुंगडुंग के अलावा एथलेटिक्स में सत्ती गीता और रोइंग में राजेंद्र प्रहलाद को भी मेजर ध्यानचंद लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड प्रदान किया जाएगा.
अवार्ड के तहत पांच लाख रुपये और प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया जाएगा.
हॉकी खिलाड़ी सिलवानुस डुंगडुंग को यह अवार्ड 29 अगस्त को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी द्वारा दिल्ली में हॉकी में सराहनीय योगदान हेतु प्रदान किया जाएगा.
हॉकी में डुंगडुंग के अलावा एथलेटिक्स में सत्ती गीता और रोइंग में राजेंद्र प्रहलाद को भी मेजर ध्यानचंद लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड प्रदान किया जाएगा.
अवार्ड के तहत पांच लाख रुपये और प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया जाएगा.
सिलवानुस डुंगडुंग के बारे में -
• सिलवानुस डुंगडुंग झारखंड के दूर-दराज और सुविधा विहीन क्षेत्र सिमडेगा के गांव के निवासी हैं.
• गरीबी के कारण सिलवानुस डुंगडुंग ने बांस की हॉकी स्टिक बनाकर और सूखे शरीफे के फल को गेंद बना कर अपने खेल की शुरुआत की.
• हॉकी के आयरन मैन कहे जाने वाले पूर्व ओलंपियन सिलवानुस डुंगडुंग 1980 मॉस्को ओलंपिक गोल्ड मेडल विजेता भारतीय टीम के सदस्य रह चुके हैं.
• सिलवानुस डुंगडुंग के गोल्डेन गोल ने भारत को स्पेन के खिलाफ स्वर्ण पदक दिलाया था.
• उनके गोल से भारत ने स्पेन को तीन के मुकाबले चार गोल से हरा दिया था.
• डुंगडुंग अक्सर इस बात का ज़िक्र करते हैं कि उन्हें 1978 में मेजर ध्यानचंद से हाथ मिलाने और बातचीत करने का अवसर मिला था.
• उन्हें अफसोस है कि वह उनके साथ कभी खेल नहीं पाए. एक टूर्नामेंट के दौरान वो मैच देखने जरूर आए थे.
• सिलवानुस डुंगडुंग की उम्र 70 वर्ष हो चुकी है, लेकिन अभी भी खिलाड़ी तैयार करने की क्षमता रखते हैं.
• सिलवानुस डुंगडुंग झारखंड के दूर-दराज और सुविधा विहीन क्षेत्र सिमडेगा के गांव के निवासी हैं.
• गरीबी के कारण सिलवानुस डुंगडुंग ने बांस की हॉकी स्टिक बनाकर और सूखे शरीफे के फल को गेंद बना कर अपने खेल की शुरुआत की.
• हॉकी के आयरन मैन कहे जाने वाले पूर्व ओलंपियन सिलवानुस डुंगडुंग 1980 मॉस्को ओलंपिक गोल्ड मेडल विजेता भारतीय टीम के सदस्य रह चुके हैं.
• सिलवानुस डुंगडुंग के गोल्डेन गोल ने भारत को स्पेन के खिलाफ स्वर्ण पदक दिलाया था.
• उनके गोल से भारत ने स्पेन को तीन के मुकाबले चार गोल से हरा दिया था.
• डुंगडुंग अक्सर इस बात का ज़िक्र करते हैं कि उन्हें 1978 में मेजर ध्यानचंद से हाथ मिलाने और बातचीत करने का अवसर मिला था.
• उन्हें अफसोस है कि वह उनके साथ कभी खेल नहीं पाए. एक टूर्नामेंट के दौरान वो मैच देखने जरूर आए थे.
• सिलवानुस डुंगडुंग की उम्र 70 वर्ष हो चुकी है, लेकिन अभी भी खिलाड़ी तैयार करने की क्षमता रखते हैं.
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