नागरिक उड्डयन मंत्रालय, महाराष्ट्र सरकार और भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) ने 23 अगस्त 2016 को त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए.
समझौता का उद्देश्य क्षेत्रीय संपर्क योजना (आरसीएस) के सफल शुभारम्भ है.
समझौता विमानपत्तन प्राधिकरण के अध्यक्ष, संयुक्त सचिव (नागरिक उड्डयन मंत्रालय) भारत, और प्रमुख सचिव नागरिक उड्डयन (महाराष्ट्र) के मध्य हस्ताक्षर किया गया.
इस समझौता ज्ञापन के साथ, महाराष्ट्र सरकार ने औपचारिक रूप से क्षेत्रीय संपर्क योजना में राज्य सरकारों से आवश्यक रियायतें प्रदान करने हेतु सहमति व्यक्त की है.
ऐसा समझौता करने वाला महाराष्ट्र देश का पहला राज्य बन गया.
इस समझौता ज्ञापन के साथ, महाराष्ट्र सरकार ने औपचारिक रूप से क्षेत्रीय संपर्क योजना में राज्य सरकारों से आवश्यक रियायतें प्रदान करने हेतु सहमति व्यक्त की है.
ऐसा समझौता करने वाला महाराष्ट्र देश का पहला राज्य बन गया.
समझौता ज्ञापन की मुख्य विशेषताएं-
• समझौता के तहत 10 हवाई अड्डे विकसित किए जाएंगे. जिनमे कोल्हापुर, शिरडी, अमरावती, गोंदिया, नासिक, जलगांव, नांदेड़, सोलापुर, रत्नागिरी और सिंधु दुर्ग हैं.
• वायबिलिटी गैप फंडिंग के तहत राज्य सरकार कुल लागत का 20 प्रतिशत योगदान देगी जबकि शेष 80 प्रतिशत लागत केंद्र सरकार वहन करेगी.
• राज्य सरकार हवाई ईंधन पर स्थानीय निकाय कर (एलबीटी) को 10 साल की अवधि के लिए 1 प्रतिशत से 10 प्रतिशत तक कम करेगी.
• इसके अलावा, सरकार नि: शुल्क भूमि उपलब्ध कराएगी.
• इन विकसित किए जाने वाले हवाई अड्डों को सड़कों, रेल, मेट्रो और जलमार्ग के साथ कनेक्टिविटी उपलब्ध करायी जाएगी. राज्य सरकार रियायती दरों पर बिजली, पानी और आवश्यक सुविधाएं भी प्रदान करेगी.
• वायबिलिटी गैप फंडिंग के तहत राज्य सरकार कुल लागत का 20 प्रतिशत योगदान देगी जबकि शेष 80 प्रतिशत लागत केंद्र सरकार वहन करेगी.
• राज्य सरकार हवाई ईंधन पर स्थानीय निकाय कर (एलबीटी) को 10 साल की अवधि के लिए 1 प्रतिशत से 10 प्रतिशत तक कम करेगी.
• इसके अलावा, सरकार नि: शुल्क भूमि उपलब्ध कराएगी.
• इन विकसित किए जाने वाले हवाई अड्डों को सड़कों, रेल, मेट्रो और जलमार्ग के साथ कनेक्टिविटी उपलब्ध करायी जाएगी. राज्य सरकार रियायती दरों पर बिजली, पानी और आवश्यक सुविधाएं भी प्रदान करेगी.
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