23 अगस्त: दास व्यापार एवं इसके उन्मूलन के स्मरण में अंतरराष्ट्रीय दिवस
विश्वभर में 23 अगस्त 2016 को दास व्यापार एवं इसके उन्मूलन के स्मरण में अंतरराष्ट्रीय दिवस मनाया गया.
इस दिवस का उद्देश्य हैती क्रांति के दौरान 22 एवं 23 अगस्त 1791 को जान गंवाने वाले लोगों को श्रद्धांजलि देना है. अफ्रीका से लाये गये महिला एवं पुरुषों को दास बनाकर बेचा जाता था. हैती के लोगों ने इस प्रथा के खिलाफ आंदोलन करते हुए 1804 में स्वतंत्रता प्राप्त की. इस क्रांति से संपूर्ण अमेरिका में दास प्रथा को बदलने की प्रक्रिया आरंभ हो गयी.
विश्वभर में 23 अगस्त 2016 को दास व्यापार एवं इसके उन्मूलन के स्मरण में अंतरराष्ट्रीय दिवस मनाया गया.
इस दिवस का उद्देश्य हैती क्रांति के दौरान 22 एवं 23 अगस्त 1791 को जान गंवाने वाले लोगों को श्रद्धांजलि देना है. अफ्रीका से लाये गये महिला एवं पुरुषों को दास बनाकर बेचा जाता था. हैती के लोगों ने इस प्रथा के खिलाफ आंदोलन करते हुए 1804 में स्वतंत्रता प्राप्त की. इस क्रांति से संपूर्ण अमेरिका में दास प्रथा को बदलने की प्रक्रिया आरंभ हो गयी.
पृष्ठभूमि
सैंटो डोमिंगो (वर्तमान में हैती एवं डोमिनिकन रिपब्लिक) में 22 एवं 23 अगस्त 1791 को दास प्रथा के खिलाफ कड़ा विरोध दर्ज कराया गया.
यूनेस्को एग्जीक्यूटिव बोर्ड द्वारा अपनाये गये प्रस्ताव 29 सी/40 के तहत प्रत्येक वर्ष 23 अगस्त को दास व्यापार एवं इसके उन्मूलन हेतु अंतरराष्ट्रीय दिवस मनाये जाने की घोषणा की गयी. वर्ष 2001 में फ्रांस के मुलहाउस टेक्सटाइल म्यूज़ियम ने उन कपड़ों की प्रदर्शनी का आयोजन किया जिसे उस समय दासों के विनिमय के लिए बतौर मुद्रा उपयोग किया जाता था.
सैंटो डोमिंगो (वर्तमान में हैती एवं डोमिनिकन रिपब्लिक) में 22 एवं 23 अगस्त 1791 को दास प्रथा के खिलाफ कड़ा विरोध दर्ज कराया गया.
यूनेस्को एग्जीक्यूटिव बोर्ड द्वारा अपनाये गये प्रस्ताव 29 सी/40 के तहत प्रत्येक वर्ष 23 अगस्त को दास व्यापार एवं इसके उन्मूलन हेतु अंतरराष्ट्रीय दिवस मनाये जाने की घोषणा की गयी. वर्ष 2001 में फ्रांस के मुलहाउस टेक्सटाइल म्यूज़ियम ने उन कपड़ों की प्रदर्शनी का आयोजन किया जिसे उस समय दासों के विनिमय के लिए बतौर मुद्रा उपयोग किया जाता था.
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