बच्चों से संबंधित मुकदमों के त्वरित निस्तारण के लिए 24 अगस्त 2016 को हैदराबाद में दक्षिण भारत की पहली बाल अदालत का उद्घाटन किया गया. गोवा और दिल्ली के पश्चात् तेलंगाना तीसरा राज्य है जहां बाल अदालत आरंभ की गयी.
नामपल्ली आपराधिक अदालत परिसर में बाल अनुकूल अदालत कक्ष का हैदराबाद हाई कोर्ट के कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और तेलंगाना के पुलिस महानिदेशक अनुराग शर्मा ने संयुक्त रूप से उद्घाटन किया.
नामपल्ली आपराधिक अदालत परिसर में बाल अनुकूल अदालत कक्ष का हैदराबाद हाई कोर्ट के कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और तेलंगाना के पुलिस महानिदेशक अनुराग शर्मा ने संयुक्त रूप से उद्घाटन किया.
बाल अदालत की विशेषताएं
• यह देश का छठा प्रदेश बन गया जहां बच्चों के लिए अलग प्रतीक्षालय तथा आरोपियों के लिए वीडियो कैमरा सुनवाई जैसी सुविधाएं उपलब्ध हैं.
• यौन अपराध से बच्चों का संरक्षण (पोक्सो) अधिनियम के तहत इसका प्रावधान किया गया है.
• बाल अदालत में जज और पुलिस कर्मी सादे कपड़ों में रहेंगे.
• कोर्ट की कार्यवाही जारी रहने के दौरान बच्चों का कथित अपराधियों से आमना-सामना कराने की अनुमति नहीं दी जाएगी.
वर्तमान में पोक्सो अधिनियम के तहत 1640 मुकदमे तेलंगाना की जिला अदालतों में लंबित हैं जिसके चलते यह आवश्यक कदम उठाया गया.
• यह देश का छठा प्रदेश बन गया जहां बच्चों के लिए अलग प्रतीक्षालय तथा आरोपियों के लिए वीडियो कैमरा सुनवाई जैसी सुविधाएं उपलब्ध हैं.
• यौन अपराध से बच्चों का संरक्षण (पोक्सो) अधिनियम के तहत इसका प्रावधान किया गया है.
• बाल अदालत में जज और पुलिस कर्मी सादे कपड़ों में रहेंगे.
• कोर्ट की कार्यवाही जारी रहने के दौरान बच्चों का कथित अपराधियों से आमना-सामना कराने की अनुमति नहीं दी जाएगी.
वर्तमान में पोक्सो अधिनियम के तहत 1640 मुकदमे तेलंगाना की जिला अदालतों में लंबित हैं जिसके चलते यह आवश्यक कदम उठाया गया.
0 comments:
Post a Comment