अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के निकट 43 एकड़ में बनाया जाने वाला यह संग्रहालय न केवल वायु सेना की गौरवशाली परंपरा को सहेज कर रखेगा बल्कि देश की समृद्ध एयरोस्पेस धरोहर के प्रति आम लोगों में जागरूकता भी पैदा करेगा.
इससे संबंधित मुख्य तथ्य:
• यह संग्रहालय एक आकर्षक पर्यटन केन्द्र के रूप में उभरेगा और राजधानी के महत्वपूर्ण ऐतिहासिक स्थलों में शामिल होगा. विस्तृत परियोजना रिपोर्ट को अंतिम मंजूरी मिलने के बाद संग्रहालय तीन से पांच वर्ष के अंदर बनकर तैयार हो जायेगा.
• संग्रहालय में अन्य चीजों के साथ साथ अंदर और बाहर दोनों जगह विमानों को प्रदर्शन के लिए रखा जायेगा.
• संग्रहालय के आंतरिक हिस्से में वायु सेना के सभी स्क्वाड्रनों का इतिहास देखने को मिलेगा.
• इसके साथ-साथ वायु सेना द्वारा युद्धों और अभियानों में निभायी गयी भूमिका का भी उल्लेख मिलेगा.
• मानवीय सहायता तथा आपदा राहत के लिए चलाये गये अभियानों के बारे में भी जानकारी मिलेगी.
• अभी वायु सेना का संग्रहालय पालम वायु सेना स्टेशन में तकनीकी क्षेत्र के निकट है.
• यह संग्रहालय 1967 में बनाया गया था. इसमें हर रोज लगभग 500 पर्यटक आते हैं.
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