इसकी लम्बाई 92 मीटर है तथा इसका निकनेम फ्लाइंग बम है. यह विमान 30 मिनट तक हवा में रहा. इस विमान ने सहज उड़ान भरी तथा सुरक्षित रूप से लैंडिंग की.
एयरलैंडर-10
• एयरलैंडर-10, 392 मीटर लंबा, 44 मीटर चौड़ा और 26 मीटर ऊँचा है.
• इस एयरक्राफ्ट के निर्माण में 25 मिलियन पौंड यानी करीब दो अरब रुपये का खर्च आया.
• हीलियम गैस से उड़ने वाला यह एयरक्राफ्ट 48 यात्रियों को एक स्थान से दूसरे स्थान ले जा सकता है.
• यह 10 हजार टन सामान ढो सकता है.
• 148 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ान भरने वाला विमान अपने आप में एक हेलिकॉप्टर भी है क्योंकि इसे उड़ने और उतरने के लिए रनवे की जरूरत नहीं पड़ती.
• इसकी एक और खासियत है इसे पानी पर भी उतारा जा सकता है तथा इसे रिमोट से भी कंट्रोल किया जा सकता है.
इस एयरक्राफ्ट को बनाने का निर्णय 2009 में अमेरिका की सेना द्वारा लिया गया. अमेरिका अपनी सेना के लिए अफगानिस्तान तक सामान पहुंचाने के लिए इसका इस्तेमाल करना चाहता था लेकिन रक्षा बजट कम होने की वजह से 2012 में यह परियोजना बीच में ही रोक दी गयी. बाद में ब्रिटिश कंपनी एयरलैंडर ने इस योजना पर काम करना शुरू किया और यह विश्व के सबसे बड़े एयरक्राफ्ट के रूप में सामने आया.
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