विश्व वन्यजीव दिवस 3 मार्च को मनाया गया-(04-MAR-2015) C.A

| Wednesday, March 4, 2015

3 मार्च: विश्व वन्यजीव दिवस

विश्व वन्यजीव दिवस 3 मार्च 2015 को मनाया गया. वर्ष 2015 के विश्व वन्यजीव दिवस का विषय- वन्यजीव अपराध गंभीर है, वन्यजीव अपराध के बारे में गंभीर हो जाओरखा गया.
विश्व वन्यजीव दिवस का उद्देश्य वैश्विक स्तर पर वन्यजीवों के संरक्षण की दिशा में जागरूकता, सहयोग और समन्वय स्थापित करना है. 
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने अपने 68वें अधिवेशन में 3 मार्च को प्रतिवर्ष विश्व वन्यजीव दिवस के रूप में मनाने का निर्णय 20 दिसंबर 2013 को लिया.  संयुक्त राष्ट्र महासभा ने CITES सचिवालय से इस दिवस के क्रियान्वयन संबंधी व्यवस्थाएं देखने का आग्रह किया था. 
वन्यजीवों एवं वनस्पतियों की संकटापन्न प्रजातियों में अंतरराष्ट्रीय व्यापार पर आयोजित सम्मेलन (Convention on International Trade in Endangered Species of Wild Fauna and Flora, CITES Convention, 1973) में कांफ्रेंस ऑफ पार्टीज (कोप)  की 16वीं बैठक (बैंकाक, 2013) में थाईलैंड ने 3 मार्च को विश्व वन्यजीव दिवस के रूप में मनाने संबंधी एक प्रस्ताव रखा था. 

CITES
के प्रस्ताव को स्वीकृत किए जाने के उपलक्ष्य में इस दिन (3 मार्च) को विश्व वन्यजीव दिवस के रूप में मनाया जाता है.  CITES सम्मेलन थाईलैंड के बैंकाक में 3 -14 मार्च 2013 को आयोजित किया गया था.

भारत में स्थिति
वन और वन्‍यजीवों को भारतीय संविधान की समवर्ती सूची में रखा गया है. भारत सरकार के तहत एक केंद्रीय मंत्रालय वन्‍य जीव संरक्षण संबंधी नीतियों ओर नियोजन के संबंध में दिशा-निर्देश देने का कार्य करता है तथा राष्‍ट्रीय नीतियों को कार्यान्‍वित करने की जिम्‍मेदारी राज्‍य वन विभागों की होती है. 

भारत में वन और वन्‍यजीवों से सम्बंधित वैधानिक पहलू 
वन्य जीवों के संरक्षण के लिए भारत के संविधान में 42वें संशोधन (1976) अधिनियम के द्वारा दो नए अनुच्छेद 48-. 51 को जोड़कर वन्य जीवों से संबंधित विषय के समवर्ती सूची में शामिल किया गया. 
वर्ष 2002 में राष्‍ट्रीय वन्‍यजीव कार्य योजना (2002-2016) को अपनाया गया जिसमें वन्‍यजीवों के संरक्षण के लिए लोगों की भागीदारी तथा उनकी सहायता पर बल दिया गया है. 
वन्य जीवों को विलुप्त होने से रोकने के लिए सर्वप्रथम 1872 में वाइल्ड एलीफेंट प्रिजर्वेशन एक्ट पारित हुआ था.  
वर्ष 1927 में भारतीय वन अधिनियम अस्तित्व में आया, जिसके प्रावधानों के अनुसार वन्य जीवों के शिकार एवं वनों की अवैध कटाई को दण्डनीय अपराध घोषित किया गया.  
स्वतंत्रता के पश्चात, भारत सरकार द्वारा इंडियन बोर्ड फॉर वाइल्ड लाइफ की स्थापना की गई.  
• 1956
में पुन: भारतीय वन अधिनियम पारित किया गया.  
• 1972
में वन्यजीव संरक्षण अधानियम पारित किया गया. यह एक व्यापक केन्द्रीय कानून है, जिसमें विलुप्त होते वन्य जीवों तथा अन्य लुप्त प्राय: प्राणियों के संरक्षण का प्रावधान है.  
वन्य जीवों की चिंतनीय स्थिति में सुधार एवं वन्य जीवों के संरक्षण के लिए राष्ट्रीय वन्यजीव योजना 1983 में प्रारंभ की गई. 

भारतीय वन्‍यजीव संस्‍थान 
भारतीय वन्‍यजीव संस्‍थान (डब्‍ल्‍यूआईआई) की स्‍थापना 1982 में की गई. यह संस्‍थान केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्रालय के अधीन एक स्‍वशासी संस्‍थान है जिसे वन्‍यजीव संरक्षण क्षेत्र के प्रशिक्षण और अनुसंधान संस्‍थान के रूप में मान्‍यता दी गई है.

वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो
वन्‍यजीव संबंधी अपराधों को रोकने के लिए वन्‍यजीव संरक्षण निदेशक के अंतर्गत वन्‍यजीव अपराध नियंत्रण ब्‍यूरो का गठन किया गया. वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो देश में संगठित वन्यजीव अपराध से निपटने के लिए केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्रालय के अधीन भारत सरकार द्वारा स्थापित एक सांविधिक बहु-अनुशासनिक इकाई है. इसका मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है. इसके पांच क्षेत्रीय कार्यालय नई दिल्ली, कोलकाता, मुंबई, चेन्नई और जबलपुर में स्थित हैं.

वन्‍यजीव संरक्षण संबंधी प्रमुख अंतरराष्ट्रीय सम्मलेन 
वन्‍यजीव संरक्षण संबंधी पांच प्रमुख अंतरराष्ट्रीय सम्मलेन, जिसमें भारत की भागीदारी है, निम्नलिखित हैं. कन्‍वेंशन ऑन इंटरनेशनल ट्रेड इन एनडेजर्ड स्‍पीसीज ऑफ वाइल्‍ड फौना एंड फ्लोरा (साइट्स), इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर एंड नेचुरल सोर्सेज (आईयूसीएन), इंटरनेशनल व्‍हेलिंग कमीशन (आईआरयूसी) तथा कन्‍वेशन ऑन माइग्रेटरी स्‍पीसीज (सीएमएस)

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