वस्त्र मंत्रालय के केंद्रीय
कौशल विकास एवं उद्यमशीलता विभाग ने एक नए संस्थान ‘हस्तशिल्प एवं कालीन क्षेत्र कौशल परिषद्’
का गठन किया. इस परिषद का गठन 20वें हस्तशिल्प
निर्यात पुरस्कार प्रस्तुतीकरण समारोह के दौरान 17
मार्च 2015 को किया गया.
इसका गठन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा कौशल विकास को बल प्रदान किए जाने के मद्देनजर किया गया. परिषद नई दिल्ली में स्थित होगी.
समारोह की अध्यक्षता कपड़ा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) ने की और निर्यात पुरस्कार भी वितरित किए.
उद्देश्य
इस परिषद का उद्देश्य कारीगरों, दस्तकारों और निचले स्तर के कामगारों के बीच कौशल विकास को बढ़ावा देना है.
परिषद् के कार्य
• परिषद प्रारंभिक स्तर के कामगारों को नवीनतम तकनीकों को अपनाने और अधिक उत्पाद में मददगार बनाएगी.
• परिषद व्यावसायिक मानक के विकास, प्रमाणन और मूल्यांकन तंत्र और उन्हें कौशल विकास के क्षेत्र में मार्गदर्शन प्रदान करने समेत श्रम बाजार बुनियादी ढांचे की स्थापना के लिए जिम्मेदार होगी.
• परिषद कलाकारों, हस्तशिल्पियों, हस्तशिल्प और कालीन उत्पाद के प्रारंभिक स्तर के कामगारों में कौशल विकास को बढ़ावा देगी.
कौशल विकास की भूमिका
राष्ट्र के उत्थान में कौशल विकास की अहम भूमिका है. चीन, ब्रिटेन, अमेरिका, जापान और जर्मनी की तुलना में हमारे देश में कुशल श्रमबल का प्रतिशत बहुत कम है. इससे प्रदर्शित होता है कि अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्रों में कौशल विकास को बढ़ावा देने की महती आवश्यकता है जिससे कि भारत अच्छी गुणवत्तापूर्ण वस्तुओं के उत्पादन में प्रतिस्पर्धी बन सके. इसके साथ ही 'मेक इन इंडिया' की सफलता के लिए हुनरमंद भारत आवश्यक है. भारत सरकार ने हमारे राष्ट्रीय उपक्रम के एक अंतरंग हिस्से के बतौर कौशल विकास को एक अभियान के रूप में लिया है.
इसका गठन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा कौशल विकास को बल प्रदान किए जाने के मद्देनजर किया गया. परिषद नई दिल्ली में स्थित होगी.
समारोह की अध्यक्षता कपड़ा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) ने की और निर्यात पुरस्कार भी वितरित किए.
उद्देश्य
इस परिषद का उद्देश्य कारीगरों, दस्तकारों और निचले स्तर के कामगारों के बीच कौशल विकास को बढ़ावा देना है.
परिषद् के कार्य
• परिषद प्रारंभिक स्तर के कामगारों को नवीनतम तकनीकों को अपनाने और अधिक उत्पाद में मददगार बनाएगी.
• परिषद व्यावसायिक मानक के विकास, प्रमाणन और मूल्यांकन तंत्र और उन्हें कौशल विकास के क्षेत्र में मार्गदर्शन प्रदान करने समेत श्रम बाजार बुनियादी ढांचे की स्थापना के लिए जिम्मेदार होगी.
• परिषद कलाकारों, हस्तशिल्पियों, हस्तशिल्प और कालीन उत्पाद के प्रारंभिक स्तर के कामगारों में कौशल विकास को बढ़ावा देगी.
कौशल विकास की भूमिका
राष्ट्र के उत्थान में कौशल विकास की अहम भूमिका है. चीन, ब्रिटेन, अमेरिका, जापान और जर्मनी की तुलना में हमारे देश में कुशल श्रमबल का प्रतिशत बहुत कम है. इससे प्रदर्शित होता है कि अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्रों में कौशल विकास को बढ़ावा देने की महती आवश्यकता है जिससे कि भारत अच्छी गुणवत्तापूर्ण वस्तुओं के उत्पादन में प्रतिस्पर्धी बन सके. इसके साथ ही 'मेक इन इंडिया' की सफलता के लिए हुनरमंद भारत आवश्यक है. भारत सरकार ने हमारे राष्ट्रीय उपक्रम के एक अंतरंग हिस्से के बतौर कौशल विकास को एक अभियान के रूप में लिया है.
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