सिप्ला लिमिटेड ने 25 मार्च 2015 को 'हेप्सविर'
ब्रांड नाम से हैपेटाइटिस सी के इलाज के लिए जेनेरिक दवा सोफोसबुविर
लांच की.
यह दवा मार्च 2015 के अंत तक भारतीय
बाजार में उपलब्ध हो जाएगी. यह दवा अन्य बाजारों में उत्पाद की उपलब्धता संबंधित
देशों में नियामक अधिकारियों से मंजूरी के अधीन है. सिप्ला उन सात भारतीय दवा
कंपनियों में से एक है जिसे अमेरिका स्थित गिलाद विज्ञान ने जेनेरिक दवा
सोफोसबुविर के निर्माण की अनुमति प्रदान की है.
सितंबर 2014 में जिलीड साइंसेज के साथ किए गए समझौते के बाद सिप्ला भारतीय मरीजों को सोफोसबुविर दवा उपलब्ध कराएगी.
सितंबर 2014 में जिलीड साइंसेज के साथ किए गए समझौते के बाद सिप्ला भारतीय मरीजों को सोफोसबुविर दवा उपलब्ध कराएगी.
मार्च 2015
के तीसरे सप्ताह में डॉ रेड्डीज लेबोरेटरीज ने रेसोफ (Resof)
ब्रांड के तहत दवा को वितरित करने हेतु हेटरो ड्रग्स लिमिटेड और
अमेरिका फर्म जिलीड साइंसेज के साथ समझौता किया.
भारत में लगभग 12-18 मिलियन रोगी
हेपेटाइटिस सी से संक्रमित है, जो एचआईवी / एड्स से संक्रमित
लोगों की तुलना में कई गुना अधिक है.
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